नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी को देखते हुए भारतीय एजेंसियां काफी चौकन्नी हैं और वे कड़ी सतर्कता बरत रही हैं। भारतीय एजेंसियां अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के उत्तर में लद्दाख के दूसरी ओर एलएसी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायु सेना (People’s Liberation Army’s Air Force, PLAAF) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में PLAAF के होटन (Hotan), गर गुनसा (Gar Gunsa), काशघर (Kashghar), होपिंग (Hopping), डोंका डोंग (Dkonka Dzong), लिन्झी (Linzhi) और पंगट एयरबेस (Pangat airbases) पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि चीनी एयर फोर्स ने हाल के दिनों में अपने कई एयरबेसों को अपग्रेड किया है। चीन वायुसेना ने हार्डेन शेल्टरों का निर्माण और रनवे की लंबाई का विस्तार किया है। साथ ही साथ ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के सामने दूसरी और चीन का लिनझी एयरबेस है। यह मुख्य रूप से एक हेलिकॉप्टर बेस है। चीन ने समीपवर्ती भारतीय क्षेत्रों में अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वहां हेलिपैड का एक नेटवर्क भी बनाया है।
चीन के साथ तनाव के पहले चरण (अप्रैल-मई) में भारतीय सेनाओं ने अपने अग्रिम मोर्चों (forward air bases) पर Su-30s और MiG-29s की तैनाती की थी। भारतीय वायुसेना की इस तैनाती के चलते ही पूर्वी लद्दाख में चीनी विमानों की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ पर लगाम लगी थी। सूत्र बताते हैं कि लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना चीनी एयरफोर्स पर भारी पड़ेगी क्योंकि चीनी लड़ाकू विमानों को बहुत ऊंचाई वाले ठिकानों से उड़ान भरनी पड़ती है। भारतीय विमान मैदानी इलाकों से एक झटके में चीन के इलाकों में कहर बरपा सकते हैं।