सरकार और सैना से जुड़े कुछ लोग, जो पूरे मामले से परिचित हैं, उन्होंने बताया कि भारत के साथ लगातार विश्वास कायम करने और कूटनीतिक तरीके से वार्ता करने वाला चीन इससे विपरीत हरकतें कर रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) के जवान पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 के पास बैठा हुआ है। इससे चीन को फिंगर 3 से लेकर फिंगर 8 के क्षेत्र तक बढ़त मिल रही है। वहीं, कोंगका ला के पास गोगरा हॉट स्प्रिंग्स इलाके में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है।
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने बुधवार को ड्रैगन की सतारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय विदेश विषय समिति आयोग कार्यालय के उपनिदेशक लिऊ जियांचाओ के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति और संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की। एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि चीनी सेना ने सीमा पर आक्रामकता दिखाई है, नाकि भारतीय सेना ने।
अधिकारी ने बताया कि यह चीन की एक तरह की रणनीति हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ सामान्य स्थिति दिखाते हुए चीन यह बताने की कोशिश कर रहा है कि नई दिल्ली को चीनी सेना की आक्रामकता को स्वीकार्य करते हुए आगे बढ़ जाना चाहिए। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य होगा।’
पिछले सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बयान जारी करते हुए दावा किया था कि सीमा पर शांति स्थापित करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच विश्वास को काम करना चीन की प्राथमिकता है। भारतीय अधिकारी ने कहा कि चीनी सरकार का यह बयान उससे एकदम विपरीत है, जो वह पूर्वी लद्दाख की सीमा पर कर रहा है। वह यथास्थिति कायम करने की कोई कोशिश नहीं कर रहा।
बयान में कहा गया कि भारत-चीन संबंध के लिए, दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखना चाहिए। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त सचिव स्तर पर दोनों देशों के बीच जल्द ही कूटनीतिक बातचीत का एक और दौर शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने फैसला किया है कि लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किया गया सीमा उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है। लेकिन भारत को आराम से और शांति के साथ मामले में आगे बढ़ना होगा।