कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता केजे जॉर्ज के करीबी सहयोगी कलीम पाशा को बेंगलुरु हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, आरोपित कलीम पाशा की पत्नी इरशाद बेगम कॉन्ग्रेस पार्टी की पार्षद हैं। इस हिंसा के पीछे PFI समर्थित संगठन SDPI और कॉन्ग्रेस के गठजोड़ की आशंका भी जताई जा रही है क्योंकि कलीम पाशा के कॉन्ग्रेस से बहुत अच्छे संबंध हैं।
बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने कहा कि बेंगलुरु में 11 अगस्त की हिंसा के सिलसिले में 60 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कलीम पाशा को मिलाकर हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 206 हो चुकी है।
4 SDPI सदस्य गिरफ्तार
बेंगलुरु हिंसा की जाँच के लिए चार टीमों का गठन किया गया है, जिसमें तीन लोग मारे गए और लगभग 60 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं।
मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए दंगों के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की भूमिका भी संदेह के घेरे में है और उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण के अनुसार, हिंसा के संबंध में इसके 4 सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने के बाद सरकार SDPI पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही थी।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, 5 लोगों के एक गिरोह ने 200 से 300 लोगों की भारी सशस्त्र भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें पुलिस अधिकारियों से मुठभेड़ करने के लिए कहा।
कर्नाटक के कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे नवीन द्वारा सोशल मीडिया पर पैगम्बर मोहम्मद के कथित अपमानजनक पोस्ट को लेकर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुए दंगों में उग्र भीड़ द्वारा ‘पुलिसकर्मियों को मार डालो, उन्हें मत छोड़ो, उन्हें खत्म करो’ के नारे भी लगाए गए। नवीन को भी फिलहाल गिरफ्तार किया गया है।
विधायक के आवास और डीजे हाली के एक थाने में मुस्लिम उपद्रवियों ने उत्पात मचाया, जिन्होंने कई पुलिस और निजी वाहनों को भी आग लगा दी और लूटपाट भी मचाई। मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की शाम कॉन्ग्रेस विधायक अखंडा श्रीनिवास मूर्थी के आवास पर हज़ारों मुस्लिमों की भीड़ इकट्ठा हुई।
कुछ ही देर में भीड़ ने पूरे घर को तबाह कर दिया। इसके बाद डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाने पर भी जम कर तोड़ फोड़ की। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में कुल 3 लोगों की जान गई थी और 6 लोग घायल हुए थे। दंगे की घटनाओं में 60 पुलिसकर्मी घायल हुए थे जिसमें से 15 नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती हैं।