सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले में महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टियों में से एक एनसीपी (NCP) के नेता मजीद मेमन ने संवेदनहीन टिप्पणी की है। इसके बाद परिवार ने एक 9 पन्ने का पत्र जारी कर सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय की माँग करने वालों के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने वालों को जवाब दिया है। मजीद मेमन ने बुधवार (अगस्त 12, 2020) को कहा कि सुशांत जब ज़िंदा थे तब वो उतने लोकप्रिय नहीं थे, जितना उन्हें मरने के बाद बना दिया गया है।
साथ ही मजीद मेमन ने तंज कसते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत को आजकल मीडिया में उतनी जगह मिल रही है, जितनी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी नहीं मिलती। उन्होंने दावा किया ऐसे मामलों की जब जाँच होती है तो गोपनीयता बरकरार रखनी होती है। उन्होंने कहा कि हर विवरण को मीडिया में डालने का अर्थ है कि इससे जाँच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इसके बाद एनसीपी (NCP) नेता ने अपनी ट्वीट्स पर हुए बवाल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका ये बिलकुल भी मतलब नहीं था कि सुशांत सिंह राजपूत जब ज़िंदा थे तब लोकप्रिय नहीं थे तो उन्हें मौत के बाद न्याय नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके ट्वीट का सुशांत को अपमानित करने का कोई इरादा नहीं था, इसीलिए इसका गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
भाजपा नेशनल मीडिया पैनेलिस्ट तुहिन सिन्हा ने मजीद मेमन के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वो मेमन सहित 1993 बम ब्लास्ट के कई आरोपितों के वकील रहे हैं और उन्हें क़ानून का पालन करते हुए खुद को स्थापित करने वाले लोगों से घृणा है। वहीं एनसीपी ने मजीद मेमन के इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी इस बयान का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करती।
मजीद मेमन पहले भी अपने बिगड़े बोल के कारण विवादों में रहे हैं। अप्रैल 2019 में उन्होंने पीएम मोदी के बारे में कहा था, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री भी एक अनपढ़, जाहिल या रास्ते पर चलने वाले आदमी की तरह बात करते हैं। वो इतने बड़े पद पर बैठे हैं, उनका पद एक संवैधानिक पद है। उस संवैधानिक पद के लिए प्रधानमंत्री रास्ते में नहीं चुना जाता।” उन्होंने याकूब की पैरवी करते हुए कोर्ट में कहा था कि उसे मुस्लिम होने की सज़ा दी जा रही है।
उधर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि लोग इस बात की कल्पना ही नहीं कर सकते कि पिछले 8-10 साल में उनके साथ क्या हुआ है। रिया चक्रवर्ती का नाम लिए बिना इस पत्र में कहा गया है कि सुशांत की वीभत्स हत्या की गई है और ‘उस बदमाश ने’ उन्हें फँसा लिया और अब महँगे वकील किए जा रहे हैं।