भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने VIVO को इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 2020 के सीजन के लिए मुख्य प्रायोजक के तौर पर सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, 2021 के सीजन में चीनी मोबाइल कंपनी वीवो बतौर आइपीएल टाइटल स्पॉन्सर लौट सकती है। इस बीच बीसीसीआइ को नए आइपीएल प्रायोजक की तलाश है, जिसको लेकर मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि इसके लिए ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स कंपनियां आगे आएंगी, लेकिन एक टेलिकॉम कंपनी भी छुपा रुस्तम की तरह सामने आ सकती है।
आइएएनएस से बात करते हुए एक मार्केट एनालिस्ट ने कहा कि अमेजन जैसी एक ब्रांड को दिवाली वीकेंड की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि कंपनी को ज्यादा सेल करनी होती है। इसके अलावा इस सौदे को कोई भी कंपनी सस्ते में हासिल कर सकती है, क्योंकि वीवो को एक सीजन के 440 करोड़ रुपये चुकाने होते थे। वास्तव में यह एक विन-विन सिचुएशन है, जिसमें कोई भी कूदेगा वो जीतेगा। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि इस समय ऐसी ही कंपनियां इस डील को हासिल करना चाहेंगी, जिनको ऑनलाइन सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करनी है।
एक अन्य मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि अगर Jio इसमें आता है तो बहुत हैरानी होगी। एक्सपर्ट ने कहा है, “देखिए, Jio पहले से ही एक ब्रांड है जो व्यक्तिगत रूप से आठ टीमों के साथ जुड़ा हुआ है। आगे यह टाइटल स्पॉन्सरशिप गेम में क्यों आना चाहेगा? यदि वे ऐसा करते हैं, तो बीसीसीआइ के साथ साझा किए गए रिश्ते के साथ ऐसा करना अधिक होगा। इसके अलावा Jio आइपीएल के सबसे प्रमुख ब्रांडों में से एक हैं। अगर जीओ कंपनी ऐसा करती है तो मैं इसे डार्क हॉर्स ही कहूंगा।” इसके अलावा सामने ये भी आ रहा है कि बायजू अगर बीसीसीआइ को अप्रोच करती है तो बोर्ड उसको साथ ये डील कर सकता है, क्योंकि भारतीय टीम के मैच नहीं हुआ और बायजू एक साल के लिए 40 करोड़ बीसीसीआइ को देती है।