लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो गई हैं। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री रामलला का दर्शन करने के बाद भूमि पूजन करेंगे। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए करीब-करीब 175 लोगों को आमंत्रित किया गया है। राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को अयोध्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले व ट्रस्ट के सदस्य परासरण को न्योता क्यों नहीं दिया गया है।
चंपत राय ने कहा कि सभी से टेलीफोन पर बात हुई है और बिना किसी के माध्यम के सीधे संपर्क किया गया है। सूची काफी सोच समझ कर बनाई गई है। साधन, उम्र, कोरोना और मान्यताओं जैसे कि चातुर्मास का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जिन्हें बुलाया नहीं जा सका, उनसे व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि आडवाणी जी कैसे आ पाएंगे। चेन्नई से परासरण जी कैसे आ पाएंगे। कल्याण सिंह से खुद बात कर कहा कि आप भीड़ में न आएं और वो मान गए। चंपत राय ने कहा कि हमने सबकी आयु, श्रद्धा और आदर का ध्यान रखते हुए सूची बनाई है। एक-एक व्यक्ति से टेलीफोन पर वार्ता की गई है। आप आ पाएंगे या नहीं आ पाएंगे, पूछा गया है। जब सबका उत्तर आ गया, तब सूची तैयार की गई है।
नेपाल से भी आएंगे संत
उन्होंने बताया कि 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है। ये आध्यात्मिक परंपराएं भारत वर्ष के भूगोल को दर्शाती हैं। नेपाल के संत भी आएंगे। जनकपुर का बिहार, उत्तर प्रदेश और अयोध्या से नाता है। जानकी जी जनकपुर की थीं। जनकपुरी जानकी मंदिर के महंत यहां आएंगे। संत-महात्मा मिलाकर 175 लोगों को हमने बुलाया है। इकबाल अंसारी और पद्मश्री मोहम्मद शरीफ को भी निमंत्रण दिया गया है।
आडवाणी और जोशी वर्चुअल तौर पर मौजूद रहेंगे
चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ मंच पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद रहेंगे। बताया गया कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी से वर्चुअल तौर पर मौजूद रहने का आग्रह किया गया है।
100 नदियों का जल भूमि पूजन के लिए आया है
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में बताया गया है कि देश के लगभग 2000 पावन तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी और लगभग 100 पवित्र नदियों का पावन जल श्रीरामभक्तों द्वारा भूमि पूजन के निमित्त भेजा गया है। इसके अतिरिक्त देश भर से पूज्य शंकराचार्यों और पूजनीय सन्तों ने अपने प्रेम और श्रद्धा स्वरूप विभिन्न भेंट भेजी हैं।
‘अयोध्या जैसी भव्यता पूरे देश में दिखे’
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि हम सभी रामभक्तों से आह्वान करते हैं कि इस अवसर पर जैसा दिव्य वातावरण अयोध्या में दिख रहा है, वैसा ही देश के सभी नगरों और ग्रामों में दिखना चाहिए। भजन, कीर्तन, प्रसाद वितरण के कार्यक्रम सब स्थानों पर कोरोना महामारी की सावधानियां बरतते हुए आयोजित करने का हम करबद्ध निवेदन करते हैं।