तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ कोई बातचीत नहीं करता चाहता है। क्योंकि वाशिंगटन वार्ता का इस्तेमाल सिर्फ प्रचार के लिए करता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ईरान के साथ बिना शर्त बातचीत करने का इच्छुक है, लेकिन वह निरंतर इस मुल्क पर दबाव बनाए हुए है।
खामनेई ने बकरीद के मौके पर टेलीविजन संबोधन में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया की तरह ईरान के साथ वार्ता का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं। खामनेई ने इस मौके पर यूरोपीय संघ को जमकर कोसा।
ईरान की खराब हालत के लिए यूरोपीय देश भी हैं जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि अमेरिकी पाबंदियों के चलते ईरान की खराब हालत के लिए यूरोपीय देश भी जिम्मेदार है। परमाणु करार को बचाने के लिए यूरोपीय देशों ने कुछ भी नहीं किया। ईरान ने 2015 में अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ट्रंप ने मई 2018 में इस समझौते से अमेरिका के हटने का एलान करने के साथ ईरान पर कई प्रतिबंध भी थोप दिए थे। तभी से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।
बता दें कि इस साल तीन जनवरी को ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे। इसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध तक की नौबत आ गई थी। ईरान ने बदला लेने की बात कही थी तो वहीं अमेरिका ने उसे किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई से बचने की सलाह दी थी। सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी बेस पर मिसाइलों से हमला किया था। हालांकि इस हमले में किसी अमेरिकी सैनिक की जान नहीं गई थी। बताया जाता है कि हमले से ठीक पहले अमेरिकी फौज के जवान सुरक्षित स्थान पर चले गए थे।