देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम पढ़े-लिखे राजनेताओं में शुमार है, वो एक अर्थशास्त्री भी हैं । लेकिन भारतीय राजनीति में कई ऐसे नेता भी हैं जिन्होने बहुत ही मामूली पढ़ाई की है । इनमें से कई कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री बन गए तो कई ने कैबिनेट मंत्री तक के पद का जिम्मा संभाला है । ऐसे कुछ राजनेताओं के बारे में आपको आगे बताते हैं । जानें आपने जिन्हें खुद पर शासन करने के लिए चुनाव वो असल में कितनी काबीलियत रखते हैं ।
यूपीए 2 में केंद्रीय मंत्री के पद पर काम कर रहीं स्मृति ईरानी केवल इंटर पास हैं। ईरानी की डिग्री का विवाद पिछले कार्यकाल में बहुत ज्यादा विवादों में रहा । 2019 में चुनाव आयोग को दिये हलफनामे के मुताबिक स्मृति ईरानी ने इंटर करने के बाद बीकॉम में एडमिशन लिया था लेकिन वो कोर्स पूरा नहीं किया।
बिहार के यादव परिवार में सारे ही कम पढ़े लिख हैं, लालू प्रसाद यादव खुद भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं । उनके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी राज्य की मुख्यमंत्री रहीं, राबड़ी देवी ने प्ररंभिक शिक्षा ही प्राप्त की है । राबड़ी देवी जब जब 14 साल की थी तब उनकी शादी लालू यादव से हो गई थी ।
कैबिनेट में भी कई कम पढ़े लिखे नेताओं को जगह दी गई है । अशोक गजपति राजू मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं । विजयनगरम राजघराने के राजू मात्र 10वीं पास हैं । वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के बड़े नेता अनंत गीते 10वीं तक पढ़े हैं ।
ड्राइवर से बन गए रेल मंत्री
जाफर शरीफ रेल मंत्री रह चुके दिवंगत जाफर शरीफ सिर्फ मैट्रिक तक पढ़े थे, वो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एस निंगलिजप्पा के ड्राइवर हुआ करते थे । इसके बाद वो राजनीति में आ गए। तमिलनाडु के सीएम रह चुके दिवंगत एम करुणानिधि ने दसवीं के बाद पढ़ाई नहीं की।