नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) सरकार के बागी विधायकों के मामले में विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सोमवार को सुनवाई करेगा. इस मामले में सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट का शुक्रवार को फैसला आना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई सोमवार को किए जाने के मद्देनजर हाई कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया.
इस बीच रविवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का व्हिप जारी किया.
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा, ‘सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी करके सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और संविधान की दसवीं अनुसूची के पारा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.’
सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं तो वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे. उन्होंने बताया, ‘नोटिस में आगे कहा गया है कि वो बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वो विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे.’
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर की याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के शुक्रवार को फैसला सुनाने पर रोक नहीं लगाई थी. हालांकि ये कहा था कि हाई कोर्ट का फैसला अंतिम नहीं होगा.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला हाई कोर्ट के फैसले को प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला नहीं सुनाया. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले को डिटेल में सुनेगा जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की तारीख लगाई थी.
गुरुवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि असंतोष विधायकों की आवाज इस तरह दबाई नहीं जा सकती, वो जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं फिर तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, क्या वो अपनी असहमति व्यक्त नहीं कर सकते?
इस पर कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि लेकिन ये भी समझना पड़ेगा कि ये स्पीकर ही तय करेंगे, कोई कोर्ट नहीं.