विधायक का फर्जी कार पास लगाने पर जय बाजपेई व राहुल सिंह के खिलाफ केस

लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के हर काले कारनामे का राजदार तथा मैनेजर जय बाजपेई ने अपना अलग रसूख बना रखा था। उसके काले कारनामे भी अब सामने आ रहे हैं। कानपुर जेल में बंद जय बाजपेई के खिलाफ यूपी विधानसभा का फर्जी पास लग्जरी कार फॉर्च्यूनर में लगाने के मामले में केस दर्ज किया गया है। उसके साथ ही कार मालिक राहुल सिंह को भी इस फर्जीवाड़ा में आरोपित बनाया गया है।

कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे को कारतूस तथा वाहन सप्लाई करने वाला जय बाजपेई लग्जरी कार में विधानसभा का फर्जी पास चस्पा करके चलता था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। दुर्दांत विकास दुबे का मैनेजर जय बाजपेई विधायक के नाम पर जिस वाहन पास का इस्तेमाल कर रहा था, वह फर्जी निकला है। इसकी जांच कराने के बाद बुधवार शाम जय और गाड़ी मालिक राहुल सिंह के खिलाफ कानपुर के काकादेव थाने में अब धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। कानपुर में पांच जुलाई की सुबह पुलिस को लावारिस हालत में तीन कारें मिली थीं। तीनों से नंबर प्लेट गायब थीं। इसके बाद जांच में पता चला था कि ऑडी कार भाजयुमो नेता प्रमोद विश्वकर्मा, वेरना कपिल सिंह और फॉर्च्यूनर  राहुल सिंह के नाम पर है। गहन पड़ताल में सामने आया कि तीनों गाडिय़ां जय बाजपेई की हैं, जिन्हें उसने दोस्तों के नाम से फाइनेंस करा रखा है। फॉर्च्यूनर सचेंडी निवासी राहुल सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है लेकिन उससे जय चलता था।

जय बाजपेई के पार्षद तक नहीं होने के बाद भी फॉर्च्यूनर पर विधायक, विधानसभा सचिवालय का वाहन पास लगाकर बेधड़क एंट्री के मामले में एक पूर्व आइएएस और एक आइपीएस ने मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा था। इस प्रकरण के तूल पकड़ते ही कानपुर पुलिस की एक टीम लखनऊ सचिवालय पहुंची। पुलिस टीम ने पता लगाने का प्रयास किया कि उसकी गाड़ी से सचिवालय आवाजाही होती थी या नहीं। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि जांच में पता चला है कि सचिवालय से ऐसा कोई पास जारी ही नहीं किया गया। यह कार पास तो कूटरचित है। इसके बाद जय बाजपेई और कार मालिक राहुल ङ्क्षसह के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में काकादेव थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आगे की जांच भी शुरू कराई गई है।

इन बिंदुओं पर भी जांच

-सचिवालय का पास बनाने व लगाकर चलने में कौन-कौन शामिल?

-विधायक का वाहन पास लगाने के पीछे क्या था मकसद?

-अब तक इसके इस्तेमाल से कहां-कहां लाभ उठाया गया?

एटा के अलीगंज से भाजपा विधायक के नाम पर वाहन पास

जय बाजपेई की फॉर्च्यूनर पर लगा यह वाहन पास अलीगंज एटा के भाजपा विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के नाम पर जारी हुआ है। इस फॉर्च्यूनर के विंड स्क्रीन पर लगे पास में विधायक व विधानसभा सचिवालय का पास चस्पा था। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि पास फर्जी है। इस नंबर का पास किसी और विधायक को जारी किया गया था। उसके पास की कॉपी करने के बाद गाड़ी नंबर बदलकर पास का अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था।

गाड़ी पर लगा सचिवालय का पास अलीगंज, एटा के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के नाम से जारी किया गया है। विधायक और जय की गाड़ी पर लगे पास के नंबर एक ही है। इसकी जानकारी मिलते ही विधायक लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बुधवार की दोपहर को विधायक को इस बात की जानकारी मिली। सचिवालय से उनके पास फोन भी आया। विधायक को गाड़ी पर मिलने वाला पास सचिवालय से जारी होता है। विधायक सत्यपाल सिंह राठौर का कहना है कि यह पास सचिवालय से बनकर मिलता है। इस नंबर के पास के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है।

कितनी बार सचिवालय में घुसा, होगी जांच

अब इसकी भी जांच होगी कि इस पास से जय बाजपेई लखनऊ में कितनी बार सचिवालय और विधानसभा गया था। इसका भी रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। वह किन-किन लोगों से मिला यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। फर्जी पास सामने आने के बाद से भी जय के करीबी नेता और मंत्रियों की धड़कन बढ़ गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *