लखनऊ। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मारे जाने के बाद रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं, विकास को एक मंत्री ने शरण दी थी, कारोबारी का भी उसे साथ मिला और वकील के दिमाग से वो चलता रहा, उससे पूछताछ में शामिल रहे कानपुर के एक पुलिस अधिकारी ने इसका खुलासा किया है, योजना के तहत विकास ने महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी दी थी, नेताओं को ढाल बनाकर वो एक हफ्ते तक पुलिस से बचता रहा, विकास से पूछताछ में राजनीतिक संरक्षण की पुष्टि हुई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मंत्री ने विकास दुबे से कहा था कि वो उसे एनकाउंटर से बचा लेंगे, बस या तो वो कोर्ट में सरेंडर करे या फिर सार्वजनिक तौर पर गिरफ्तारी दें, विकास कोर्ट में सरेंडर करने से खौफ खा रहा था, इसलिये मंत्री, वकील और कारोबारी ने उसे आइडिया दिया, कि यूपी के अलावा किसी दूसरे राज्य में सार्वजनिक स्थल पर गिरफ्तारी दे दे, इसके लिये उसने उज्जैन महाकाल मंदिर को चुना, मंत्री जी का एमपी में भी दबदबा है, तय योजना के अनुसार ही सबकुछ हुआ, कैमरे से लैस महाकाल मंदिर में विकास दुबे ने अपनी गिरफ्तारी दी।
उज्जैन के जिस थाना क्षेत्र में विकास दुबे गिरफ्तार हुआ, वहां के थानेदार और डीएसपी को एक दिन पहले ही शाम को हटाया गया था, इससे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है, पुलिस सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि साजिश के तहत खास थानेदार और सीओ को तैनात किया गया था, इसके बाद विकास की गिरफ्तारी हुई, कई सवाल हैं जो अनसुलझे हैं।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किये गये विकास दुबे को शुक्रवार सुबह पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया, दरअसल 5 लाख का इनामी बदमाश विकास को जिस गाड़ी से पुलिस लेकर कानपुर आ रही थी, उस गाड़ी का सचेंडी थाना क्षेत्र के भौंती हाइवे पर एक्सीडेंट हो गया, विकास ने पुलिस वाले का पिस्टल लेकर भागने की कोशिश की, एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया। कार पलटने की वजह से नवाबगंज इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिस वाले घायल हो गये।