लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली बसपा की अर्जी पर 15 दिन में फैसला लेने का आदेश यूपी विधान परिषद चेयरमैन को दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि पंद्रह दिन में फैसला नहीं लिया जाता तो याचिका में मांगे गए अंतरिम अनुतोष पर विचार किया जाएगा।
जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने यह आदेश दिनेश चंद्रा की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। याची की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्रा और उनके सहयोगी वकील सुनील कुमार चौधरी ने दलील दी कि सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली अर्जी पर तीन माह के भीतर फैसला सुनाने के सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी यूपी विधान परिषद के चेयरमैन ने गत 29 मई 2019 को नसीमुददीन की सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई पूरी कर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था, जो एक साल पूरा होने के बाद भी नहीं सुनाया जा रहा है।