लखनऊ। कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया। उसे उज्जैन से सड़क मार्ग के जरिए कानपुर लाया जा रहा था। यूपी एसटीएफ ने एक बयान जारी कर बताया है कि विकास दुबे की गाड़ी का एक्सीडेंट कैसे हुआ? एसटीएफ ने यह भी बताया है कि हम उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बचाव में किए गए फायरिंग में वह मारा गया।
यूपी एसटीएफ की तरफ जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को सरकारी वाहन से उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। इसी दौरान कानपुर के सचेंडी थाना के पास एनएच पर अचानक गाय-भैंस का एक झुंड आ गया, जिसे बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी को मोड़ा लेकिन वह अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दुर्घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए और क्षणिक रूप से अर्धचेतन अवस्था में चले गए। इसी का फायदा उठाकर दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एक पिस्टल छीनकर भागने लगा।
एसटीएफ ने बताया कि इस घटना की जानकारी पीछे की गाड़ी में आ रहे पुलिस कर्मियों की दी गई। उन्होंने तत्काल फरार अपराधी विकास दुबे का पीछा किया। लेकिन विकास दुबे पुलिस वालों को जान से मारने के लिए छीनी गई पिस्टल से फायरिंग करने लगा। एसटीएफ का कहना है कि हमने उसे जिंदा पकड़ने की भरपूर कोशिश की लेकिन आत्मरक्षा में चलाई गई गोली में वह मारा गया।
मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी घायल हुए
विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में नवाबगंज एसओ रमाकांत पचौरी समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायल पुलिसकर्मियों को कल्याणपुर सीएससी से उर्सला अस्पलात भेज दिया गया है, जहां इनका इलाज चल रहा है।
एक साल पुरानी थी गाड़ी
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर जिस गाड़ी में लाया जा रहा था, वह एडीजी यूपी पुलिस हेडक्वार्टर के नाम से है। सरोजनी नायडू मार्ग सिविल लाइंस प्रयागराज के पते पर आरटीओ से रजिस्टर्ड है। मुठभेड़ के बाद गाड़ी की फॉरेंसिक टीम ने जांच की और अब इसका टेक्निकल मुआयना भी होगा। जानकारी के मुताबिक, यह सरकारी गाड़ी एक साल पुरानी थी।