कानपुर। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर है. सूत्रों ने दावा किया है इस एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए विकास दुबे की मौत हो गई है. फिलहाल, आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विकास दुबे को स्ट्रेचर पर लाला लाजपत राय हॉस्पिटल में लाया गया है.
गौरतलब है कि विकास दुबे को कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ. बताया जा रहा है कि जब गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय विकास दुबे भाग निकला. घटनास्थल से सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई है.
इस मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे के मारे जाने की खबर है. अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
कैसे हुआ हादसा
हादसे को लेकर यूपी एसटीएफ के अफसर अभी कुछ बोलने से बच रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि तेज बारिश और गाड़ी की रफ्तार तेज होने की वजह से गाड़ी पलट गई है. मीडिया की नजर से विकास दुबे को बचाने के लिए गाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी. फिलहाल क्राइम स्पॉट पर किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई।
मध्य प्रदेश पुलिस उसको दबोचने का दावा कर रही है, मगर घटनाक्रम के वीडियो फुटेज उसके समर्पण करने की पटकथा सुना रहे हैं। यही वजह है कि बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों के रिश्तेदार सहित आम लोग कह रहे हैं कि विकास दुबे की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उसने पूरी रणनीति के तहत समर्पण किया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि खुद विकास ने भी कहा कि वह गिरफ्तारी देने ही यहां आया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसकी पत्नी और बेटे को भी लखनऊ से हिरासत में लिया है। उधर, कानपुर और इटावा में पुलिस से हुईं दो मुठभेड़ों में उसके दो और गुर्गे ढेर कर दिए गए। पुलिस ने विकास से जुड़े पांच लोगों को अब तक मार गिराया है। इसके साथ ही अब तक दो पुलिसवालों सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया है।
-गाड़ी पलटने के बाद मोस्टवांटेड विकास दुबे ने पिस्टल छीनकर गोली चलाई। एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल विकास को पुलिस अस्पताल लेकर गई है।
-कानपुर में एसटीएफ की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई, गाड़ी में सवार पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना है। इसी गाड़ी में विकास दुबे भी था। सूचना मिल रही है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, पुलिस का एनकाउंटर जारी है।
कानपुर पहुंची एसटीएफ की टीम- विकास दुबे को लेकर पुलिस व एसटीएफ कानपुर पहुंच गई है। 6:28 AM- 3 गाड़ियों से एसटीएफ विकास दुबे को लेकर बारा टोल कानपुर देहात से कानपुर नगर की तरफ रवाना हुई। 6:34 AM- रायपुर कानपुर देहात बॉर्डर से नगर में प्रवेश। माती मुख्यालय से किसी दूसरे स्थान पर ले जा रहे हैं।
कानपुर देहात की सीमा में पहुंची एसटीएफ की टीम : जालौन जिले के आटा टोल प्लाजा से विकास दुबे को लेकर निकला काफिला करीब 5:38 बजे कालपी का यमुना पुल पार कर कानपुर देहात की सीमा में प्रवेश कर गया।
आटा टोल प्लाजा से निकला काफिला : एट टोल प्लाजा से करीब 42 किलोमीटर दूर जालौन जिले के आटा टोल प्लाजा से विकास दुबे को लेकर काफिला 5.20 बजे निकला। करीब एक घंटे से हो रही तेज बारिश के बीच सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स पानी में भीगते हुए डटा रहा। आटा टोल से विकास दुबे के निकलने के बाद ही एट टोल से ट्रैफिक खोला गया।
आटा व कालपी यमुना पुल पर भारी पुलिस फोर्स : झांसी-कानपुर हाईवे से चला एसटीएफ की टीम काफिला आटा टोल प्लाजा होते हुए कालपी यमुना पुल को पार कर कानपुर देहात की सीमा में प्रवेश करेगा। सुरक्षा को लेकर आटा व कालपी यमुना पुल पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
-उरई पहुंची एसटीएफ की टीम : सुबह करीब 4:45 बजे एसटीएफ की टीम उरई के एट टोल से विकास दुबे को लेकर निकली है। एसटीएफ की छह गाड़ियां साथ में हैं। वहां से करीब सवा घंटे में कानपुर देहात के बारा टोल पहुंचने की उम्मीद है।
-झांसी पहुंची एसटीएफ की टीम : झांसी में रात करीब 3:15 बजे रक्सा बार्डर से एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई। इस दौरान रक्सा टोल प्लाजा पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आवागमन बंद किया गया। झांसी पुलिस यहां से विकास दुबे को उरई की सीमा तक छोड़ेगी। इस दौरान पुलिस ने मीडिया कर्मियों को भी आगे नहीं बढ़ने दिया।
-दतिया के रास्ते कानपुर ले जाने की संभावना : रात करीब एक बजे शिवपुरी से चलने के बाद भी 2:30 बजे तक विकास दुबे को लेकर आ रही एसटीएफ टीम रक्सा नहीं पहुंची है, जबकि शिवपुरी से झांसी एक घंटे का रास्ता है। शिवपुरी से झांसी के बीच एक रास्ता दतिया की तरफ भी जाता है। सम्भावना जताई जा रहा है कि एसटीएफ की टीम दतिया के रास्ते कानपुर लेकर जा रही है।
-शिवपुरी टोल प्लाजा से निकली टीम : रात करीब 1:00 बजे शिवपुरी टोल प्लाजा से निकली विकास दुबे को लेकर एसटीएफ की टीम। विकास दुबे स्कार्पियो में बैठा है। शिवपुरी निकलने के बाद एसटीएफ टीम की लोकेशन गायब है। रक्सा टोल प्लाजा पर तैनात पुलिस भी कुछ नहीं बता पा रही है।
-झांसी के रक्सा बॉर्डर पर यूपी पुलिस अलर्ट : देर रात 12:30 बजे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रक्सा बॉर्डर पर तैनात पुलिस बल अलर्ट पर है। यहां दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के आने का इंतजार कर रही है। विकास दुबे को लेकर एसटीएफ की टीम कुछ देर में ही यहां लेकर आने वाली है। यहां से झांसी पुलिस विकास दुबे को लेकर उरई की सीमा तक छोड़ेगी। रक्सा टोल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।
-सड़क मार्ग से ला रही यूपी पुलिस : उत्तर प्रदेश पुलिस का काफिला उसे सड़क मार्ग से ले गया। मध्य प्रदेश पुलिस ने दुबे के साथ दो वकीलों और शराब कंपनी के मैनेजर के साथ ही चार अन्य को भी हिरासत में लिया है। मैनेजर आनंद गैंगस्टर दुबे का दोस्त बताया जा रहा है। इसी ने विकास को उज्जैन बुलाया था। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है। गुरुवार रात करीब 9:30 बजे उत्तर प्रदेश पुलिस का काफिला उसे सड़क मार्ग से ले गया।
-स्थानीय लोगों की सूचना पर पकड़ी गई पत्नी : विकास की पत्नी रिचा अपने बेटे के साथ लखनऊ में अपने मकान के पास से गुरुवार रात को स्थानीय लोगों की सूचना पर पकड़ी गई। लोगों ने रिचा और उसके बेटे को देखकर डायल 112 पर फोन किया था। इस बीच एसटीएफ की टीम भी वहां पहुंच गई और कृष्णा नगर पुलिस की मदद से उनको गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ उन्हें कानपुर ले गई। वहां उनका परिजनों से आमना-सामना कराया जाएगा।
-मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे ऐसे हाथ आया : विकास दुबे 7.45 बजे सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा। मंदिर के पिछले हिस्से में स्थित शंख द्वार के सामने उसने एक दुकानदार से दर्शन व्यवस्था के बारे में पूछा। 250 रुपये की रसीद लेकर मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था के बारे में दुकानदार ने बताया। फर्जी आइडी पर शुभम के नाम से रसीद बनवाई और मंदिर परिसर में प्रवेश कर गया। 7.52 बजे मंदिर के निर्गम द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे में उसको देखा गया। प्रवेश के दौरान मंदिर के गार्ड को शक होने पर उसे पकड़कर पुलिस चौकी लाया गया। पहले तो उसने अपना नाम-पता गलत बताया, पुलिस ने सख्ती की तो पहचान उजागर कर दी। 8.45 बजे गिरफ्तार किया गया। सूत्रों का कहना है कि विकास ने मंदिर में दर्शन कर लिए थे।
-यूपी पुलिस ने 50-50 हजार के इनामी साथी मार गिराए : विकास दुबे के गुर्गे 50 हजार के इनामी प्रभात मिश्र को एसटीएफ व कानपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने पनकी में मार गिराया। गुरवार सुबह फरीदाबाद से रिमांड पर लाते वक्त गाड़ी खराब होने पर उसने दारोगा की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी। गोलीबारी के दौरान एसटीएफ के दो सिपाही भी घायल हो गए। वहीं, इटावा-कानपुर नेशनल हाईवे पर कार लूटकर भागे विकास के दूसरे गुर्गे 50 हजार इनामी बउआ उर्फ प्रवीन दुबे को इटावा पुलिस ने ढेर कर दिया। फरार हुए उसके तीन साथियों की तलाश में कांबिंग कराई जा रही है।
-कानपुर के बिकरु कांड में अब तक : बिकरू गांव में दो जुलाई को सीओ-एसओ समेत आठ पुलिसकर्मी बलिदान हुए। तीन जुलाई को कानपुर के आइजी मोहित अग्रवाल व एसएसपी दिनेश कुमार पी की अगुआई में पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया। विकास के दो बीघा जमीन पर बने अभेद्य किलानुमा घर व नीचे बने बंकर को चार जुलाई को ढहाकर हथियार, बम और गोला-बारूद बरामद किए गए। आठ जुलाई को निलंबित चौबेपुर एसओ विनय कुमार तिवारी व हलका इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एसटीएफ व हमीरपुर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में विकास का दाहिना हाथ 50 हजार का इनामी भतीजा अमर दुबे मौदहा में मुठभेड़ में ढेर। 50-50 हजार के इनामी श्यामू बाजपेई, जहान यादव कानपुर में दबोचे गए।
-गैंगक्टर पर 71 मुकदमे दर्ज : विकास एक कुख्यात अपराधी है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उस पर डकैती, हत्या व हत्या के प्रयास सहित 71 मुकदमे दर्ज हैं।
-देश को दहला देने वाला बिकरु कांड : कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में गत शुक्रवार (2-3 जुलाई की रात) को विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी। इस दौरान कुख्यात विकास और उसके साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सीओ, एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। सूबे में यह पहली बार था, जब इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले बलिदान हो गए थे। अलबत्ता, पुलिस ने कुख्यात के मामा और चचेरे भाई को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।