नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव मामले पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि राजनयिक माध्यमों से इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला लागू करवाने की पूरी कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान का ऐसा दावा करना कि कुलभूषण जाधव जो कि उसकी हिरासत में है, उन्होंने रिव्यू पिटिशन आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है, यह पूरी तरह से फर्जी है। दरअसल, यही नापाक खेल पाकिस्तान पिछले 4 सालों से जारी है। पाकिस्तान के द्वारा आज मीडिया में दिया गया बयान आईसीजे का फैसला लागू करने में पाकिस्तान की चुप्पी को दर्शाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में एक झूठे ट्रायल के जरिए कुलभषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई है। वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं। यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें रिव्यू के लिए इनकार करने को मजबूर किया गया है। भारत ने जाधव से बेरोक-टोक मिलने की मांग की थी, जिससे कि समस्या का हल पता लगाया जा सके, लेकिन पाकिस्तान की ओर से साफ इनकार कर दिया गया। पाकिस्तान सिर्फ भ्रम फैलाना चाहता है।
बता दें कि जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार करने का दावा पाकिस्तान की ओर से किया गया है। साथ ही यह भी कहा है कि उसने जाधव को दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने की पेशकश की है। पाकिस्तान के एडिशन अटॉर्नी जनरल के अनुसार 17 जून 2020 को कुलभूषण जाधव को सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने याचिका दायर करने से इनकार कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआइ ने पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से जानकारी दी है कि जाधव ने इसके बजाय अपनी लंबित दया याचिका का पालन करने की बात कही।