लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से चल रहे 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के विवाद में योगी आदित्यनाथ सरकार को शीर्ष कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अब कोई भी सुनवाई से इनकार कर दिया है। अब कोर्ट ने निर्देश दिया कि हाई कोर्ट में ही अपील करें।
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में विवाद अब आगे नहीं बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती में इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ लखनऊ खंडपीठ के डबल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में ही अपील करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में एक आंसरशीट विवाद को लेकर याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में 3 जून को स्टे दिलाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार करने के साथ याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा उत्तर कुंजी से संबंधित आज कुल पांच केस थे। जिसमें जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने याचिका कार्ता को बिना कोई राहत दिए मामला हाईकोर्ट के डबल बेंच में पुन: भेज दिया है। इस मामले में डबल बेंच ने पहले ही सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है।
यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद हाइकोर्ट की डबल बेंच के प्रश्रपत्रों को यूजीसी पैनल को न भेजने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है। परीक्षा में गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऋषभ मिश्रा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले अमिता त्रिपाठी की तरफ से दायर को खारिज कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच का आदेश बरकार रखते हुए 24 जून को किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से मना करते हुए याची अमिता त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में दााखिल याचिका को खारिज कर दिया।
मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर 14 को सुनवाई
अब सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के पदों और कटऑफ के मुद्दे को लेकर दायर की गई मोडिफिकेशन एप्लीकेशन सुनवाई 14 जुलाई को ही होगी। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ने शिक्षक भर्ती में शामिल एक पक्ष की मांग पर सात जुलाई को तारीख लगा दी थी लेकिन अब 14 जुलाई के लिए ही लिस्टेड कर दिया गया है।
कोर्ट ने कहा-उत्तरमाला चैलेंज करना अब कल्चर बना
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा था कि पूरे देश में सभी परीक्षाओं की उत्तरमाला को चैलेंज करने का एक कल्चर बन गया है। याची अमिता त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से 12 जून को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके कारण उत्तर प्रदेश सरकार को काउंसलिंग प्रक्रिया को बीच में ही रोकना पड़ा था। यूपी सरकार ने शिक्षक भर्ती की 1 जून को कटऑफ लिस्ट जारी करके 3 जून से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी। तभी उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायमूॢत आलोक माथुर ने 8 मई के बाद की सारी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था। उन्होंने इस मामले में यूजीसी के एक्सपर्ट से रिपोर्ट मांगी है और 6 जुलाई तक रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए कहा था। इसके बाद सिंगल बेंच में फिर से इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है।
डबल बेंच ने हटाया था स्टे
यूपी में शिक्षकों की भर्ती में सिंगल बेंच से स्टे का आदेश आने के बाद सरकर डबल बेंच गई थी। डबल बेंच ने इस केस की सुनवाई करते हुए 12 जून को स्टे हटा दिया था। इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूरे केस के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया था। इस मुद्दे को अधिवक्ता रणजीत सिंह ने कोर्ट को सिंगल और डबल बेंच के ऑर्डर के बारे में भी बताया। सरकार की तरफ से पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज ने डबल बेंच के आदेश को सुरक्षित करते हुए आंसर शीट का केस खारिज कर दिया। उस केस के खारिज होने के बाद ऋषभ मिश्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट में आंसर शीट के मामले में याचिका दायर कर दी थी।