लखनऊ। कोरोना की रोकथाम को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सराहना की है. क्वॉरंटाइन सेंटर्स की हालत और कोरोना पाजिटिव मरीजों को बेहतर इलाज देने की मांग पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार की पीठ थपथपाई.
गौरव कुमार की ओर से दाखिल याचिका पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडीशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोरोना की रोकथाम को लेकर अब तक उठाए गए कदमों का ब्लू प्रिंट पेश किया. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बेहतर काम किया है.
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मिलने के बाद जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जांच और उन्हें चिन्हित करने में बेहतर काम किया गया है.
हाईकोर्ट ने कई सुझावों के साथ 7 पेज का विस्तृत आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि यूपी के सभी जिलों में रैपिड टेस्टिंग किट से कोरोना की जांच की जाए. कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से आदेश की कॉपी उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को देने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना की रोकथाम, जांच और इलाज के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें.