पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव जारी है। इस बीच भारतीय सेना के पूर्व सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों, खासकर पैंगोंग त्सो क्षेत्र में एक बार फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। हालाँकि, भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी पर भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
इस संभावना को दोहराते हुए कि निकट भविष्य में युद्ध संभव है, पूर्व सेना प्रमुख जनरल कपूर ने कहा कि वह लोगों की इस धारणा से असहमत थे कि चीन के साथ युद्ध आसन्न है। हालाँकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि 15 जून की तरह एक बार फिर से LAC के पास दूसरे क्षेत्र में हिंसक झड़प हो सकती है। जनरल कपूर ने विशेष रूप से पैंगोंग त्सो क्षेत्र में हिंसक झड़प होने की आशंका जताई।
जनरल कपूर ने कहा कि वह चीनी विश्वासघात से बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं इन चीनी दाँव पेंच से हैरान नहीं हूँ। जब तक हम किसी निष्कर्ष पर पहुँचते हैं, दोनों पक्ष सहमत होते हैं और सभी तथ्यों को सत्यापित किया जाता है, तब तक हमें चीनी पक्ष की तरफ से किसी भी गतिविधियों के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह गलवान सेक्टर, डेपसांग सेक्टर, चुमार सेक्टर, डोंगचोंग क्षेत्र, सिक्किम हो या फिर अरुणाचल सेक्टर की तरफ हो।”
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने कहा कि अब फोकस पैंगोंग त्सो क्षेत्र की तरफ स्थानांतरित कर दिया गया है, जहाँ घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिक अपने भारतीय समकक्षों के साथ दो-चार करने की स्थिति में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में 62 नई चीनी पोजीशन और लगभग 300 संरचनाएँ जैसे शिविर और ऑब्ज़र्वेशन पोस्ट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में कमांडिंग ऑफिसर सहित कम से कम 20 भारतीय सैनिकों ने शहादत प्राप्त की थी। सेना ने शुरू में दावा किया था कि झड़पों में एक कमांडिंग अधिकारी सहित 3 सैनिक मारे गए थे, लेकिन बाद में शाम को भारतीय सेना ने 20 सैनिकों की बलिदान की पुष्टि की।
हालाँकि, बीजिंग इस हिंसक झड़प में हताहत हुए लोगों की संख्या बताने पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन भारत सरकार ने कहा कि चीनी पक्ष ने करीब 43-45 पीएलए सैनिक या तो गंभीर रूप से घायल हुए या मारे गए। अब, यूएस की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 35 चीनी सैनिक गलवान घाटी में मारे गए हैं।