नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, कल मोल्डो में हुई भारत और चीन की बातचीत के बाद फैसला लिया गया है. दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी है. दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है. चीन के साथ तनाव कम करने पर सहमति बनी है.
गलवान में भारतीय सैनिकों का पराक्रम देखने के बाद चीन सहमा हुआ है. हिंदुस्तान के गर्दन तोड़ और हड्डी तोड़ पराक्रम के बाद अब बातचीत की टेबल पर है. कोर कमांडर स्तर की बैठक चीन की तरफ मोल्डो इलाके में 11 घंटे तक हुई थी. हालांकि आज बैठक नहीं होगी. बैठक में भारत ने गलवान में हुई झड़प पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चीन पैंगोंग झील से सैनिक हटाए.
भारत ने यह भी कहा कि गलवान में हिंसा चीन की सुनियोजित साजिश है. लोकल कमांडर को अब हालात के मुताबिक हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दी चुकी है. चीन के लिए संदेश साफ है. अब खुली छूट है. चीन के साथ LAC पर तनातनी के बीच अब सेना की तोप सरहदी इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं. चीन को संदेश बहुत साफ है कि उसके धोखेबाज चरित्र पर अब यकीन नहीं किया जाएगा.
फाइटर विमानों की तैनाती
भारत लगातार आक्रामक रवैया कायम रखे हुए हैं. सैनिकों को खुली छूट देने से लेकर फाइटर विमानों की तैनाती तक. भारत चीन को सीधा संकेत दे चुका है और अब तो खुद सेना प्रमुख लेह के दौर पर हैं, जहां वो सेना की तैयारियों का जायज़ा लेंगे. इसके अलावा रक्षा मंत्री भी रूस में मौजूद हैं जहां हथियारों की जल्द सप्लाई की बात की जाएगी. यानी भारत चीन को दोबारा करारा जवाब देने की तैयारी कर चुका है.