वाशिंगटन। चीन (China) के साथ भारी तनाव के बीच भारत (India) ने एक और बड़ी जीत हासिल की है. उसे अमेरिका का खुलकर साथ मिलना शुरू हो गया है. ये खबर चीन के लिए झटके वाली है. अमेरिका के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सासंद ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया अक्रामक गतिविधियों की निंदा करते हुए चीन से अपील की है कि वह तनाव बढ़ाने वाली रणतीति को छोड़ कूटनीति को अपनाए.
पिछले सप्ताह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. दोनों ही देशों के बीच सीमा को लेकर जारी गतिरोध के बीच पिछले करीब पांच दशकों में इस बड़ी हिंसक झड़प ने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया.
सासंद राजा कृष्णमूर्ति ने एक बयान में सोमवार को कहा है, ‘मैं चीन की सरकार द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक निंयत्रण रेखा) पर हालिया खतरनाक आक्रामक गतिविधि और बेवजह जीवन को हुई क्षति से बेहद चिंतित हूं.’
चीन सरकार को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार पड़ोसियों के साथ विवादों से निपटने के दौरान उकसावे और धौंस के रास्ते का इस्तेमाल बंद करना चाहिए.
इलियोनिस से डेमोक्रेटिक सासंद ने कहा, ‘मैं चीन सरकार से कड़ाई से अपील करता हूं कि वह तनाव बढ़ाने वाली धृष्टता की राह को छोड़ भारत के साथ अपने सीमा विवाद से जुड़े सवालों के हल के लिए कूटनीति का अनुसरण करे.’
भारत ने सोमवार को चीन द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले को पूर्वनियोजित हमला बताया और मांग की है कि चीन तत्काल पूर्वी लद्दाख के सभी जगह से अपनी सेना हटाए.