नई दिल्ली। LAC पर खूनी संघर्ष के बाद भारत-चीन (China) पहली बार आमने-सामने होंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर की आज रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक होगी. RIC समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी.
वहीं भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के रूस दौरे पर मॉस्को पहुंचे हैं, वह 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होंगे. इस दौरान भारत और रुस के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा संभव है.
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके ये भी कहा, ‘सऊदी के विदेश मंत्री फैजल बिन फरहान से बातचीत हुई. कोरोना के दौरान भी हमारी आपूर्ति श्रंखला और ट्रेड कमिटमेंट को बनाए रखा गया है.’
A warm conversation wth #Saudi FM HH Prince @FaisalbinFarhan. Gratified tht our supply chains&trade commitmnts hve been maintaind evn during #COVID period.Ensurng health needs reflcts the strngth of our ties.Appreciate the gestures mde by Saudi authorities to the Indian community
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 22, 2020
बता दें कि इससे पहले भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत हुई थी.
देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की विस्तृत समीक्षा की थी. गलवान घाटी में पिछले हफ्ते हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. पूर्वी लद्दाख में चुशूल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्डो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई थी और रात तक जारी रही.
कोर कमांडर की बैठक में भारत ने चीन को जमकर खरीखोटी सुनाई थी. गलवान में हमले को सुनियोजित साजिश और क्रूर हरकत बताया था. पैंगोंग झील पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा था.
इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.