कानपुर। कानपुर के स्वरुप नगर बालिका संरक्षण गृह में सात नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने की पुष्टि के बाद खलबली मच गई है, अब इस मामले में जहां एक ओर प्रशासन में हड़कंप मचा है, वहीं मामले पर सियासत भी शुरु हो चुकी है, हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि सभी लड़कियां यहां लाये जाने से पहली ही प्रेग्नेंट थी, दरअसल कोरोना की आंच जब संरक्षण गृह में पहुंची, तो इस बात का खुलासा हुई, बालिका गृह की 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित निकली, जिनमें से सात प्रेग्नेंट है, प्रेग्नेंट युवतियों में से पांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती लड़कियों में से एक किशोरी को 8 महीने और दूसरी को साढे 8 महीने का गर्भ है, इस पर दोनों को हैलेट के जच्चा-बच्चा अस्पताल रेफर किया गया है, जांच में एक एचआईबी संक्रमित मिली, तो दूसरी को हेपेटाइटिस सी का संक्रमण है, इसकी वजह से उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि सभी लड़कियां संरक्षण गृह में लाये जाने के समय ही प्रेग्नेंट थी, 5 संक्रमित संवासिनी आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के बाद यहां रह रही थी, दिनेश कुमार के मुताबिक पॉक्सो एक्ट के तहत एक किशोरी कन्नौज और दूसरी किशोरी आगरा से कानपुर आई है, रेस्क्यू के समय ही दोनों प्रेग्नेंट थी, दिसंबर 2019 में संरक्षण गृह में भेजी गई थी, दोनों 6 महीने पहले बालिका गृह में आई है, जबकि गर्भ 8 महीने का है, संरक्षण के समय से दोनों के गर्भवती होने का रिकॉर्ड है।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर बालिका गृह को लेकर गलत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई जा रही है, आपदाकाल में ऐसा करना संवेदनहीनता का उदाहरण है, कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को बिना जांचे पोस्ट ना करें, जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतू लगातार तथ्य जुटा रहा है।
कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है।आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जाँचें बिना पोस्ट ना करें। ज़िला प्रशासन इस संबंध में आव़श्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।