नई दिल्ली। केंद्र सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है. रेटिंग एजेंसी फिच के अनुमान के मुताबिक ये पैकेज जीडीपी का एक फीसदी हो सकता है. इससे पहले भी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. पीएमजीकेवाई की घोषणा 26 मार्च को हुई थी, जबकि आत्मनिर्भर भारत पैकेज मई में आया था. इसके लिए लगातार पांच दिनों तक वित्त मंत्री ने अलग-अलग सेक्टरों को राहत देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स के निदेशक सॉवरेन रेटिंग थॉमस रूकमेकर ने कहा कि कोविड-19 अभी भी भारत में है और इस बात की “बहुत संभावना” है कि सरकार को अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिये वित्तीय उपायों पर थोड़ा अधिक खर्च करना होगा. उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वानुमान में हमने बड़े प्रोत्साहन पैकेज को शामिल किया है, न कि अभी तक के घोषित राजकोषीय उपायों भर को, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज एक फीसदी है.
घटाया था आउटलुक
फिच ने पिछले हफ्ते भारत की रेटिंग के आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक कर दिया था. उसने कहा कि रेटिंग के बारे में निर्णय लेते हुए अतिरिक्त राजकोषीय प्रोत्साहन के कारक को भी शामिल किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर के उपायों की घोषणा की थी, इनमें से नौ फीसदी घोषणाएं प्रकृति में गैर-राजकोषीय थीं. बॉन्ड जारी करने को लेकर भी घोषणा की गई थी और वह जीडीपी के दो फीसदी के बराबर था. रूकमेकर ने फिच रेटिंग्स के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, “यह एक संकेत दे सकता है कि अतिरिक्त एक फीसदी के उपाय आने वाले महीनों में उनके लिये घोषित हो सकता है, जिन्हें जरूरत है.’’ पिछले महीने घोषित 21 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज में सरकारी और आरबीआई का पैकेज भी शामिल है.
केंद्र सरकार ने बाजार से कर्ज जुटाने की सीमा को भी 2020-21 के 7.8 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 12 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है. फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी की गिरावट आने का अनुमान लगाया है.