नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सेना का अपमान करना बंद करे और राष्ट्रीय एकता के सही अर्थ को समझे.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर भी ऐसा ही किया था. सेना का सम्मान करें, अभी भी देर नहीं हुई है.’
Dear Dr. Singh and Congress Party,
Please stop insulting our forces repeatedly, questioning their valour. You did this post the air strikes and surgical strikes.
Please understand the true meaning of national unity, especially in such times.
It’s never too late to improve.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
नड्डा ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी पर 130 करोड़ भारतीयों का विश्वास है. 2010 से 2013 के बीच LAC पर 600 बार घुसपैठ हुई. कांग्रेस ने चीन के सामने सरेंडर किया था.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चीन के सामने 43000 KM का भारतीय हिस्सा सरेंडर कर दिया था.
Dr. Manmohan Singh belongs to the same party which:
Helplessly surrendered over 43,000 KM of Indian territory to the Chinese!
During the UPA years saw abject strategic and territorial surrender without a fight.
Time and again belittles our forces.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
उन्होंने कहा, ‘पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बयान केवल एक शब्दों का खेल है. कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के आचरण से किसी भी भारतीय को इस तरह के बयान पर विश्वास नहीं होगा. यह वही कांग्रेस है जिसने हमेशा हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल तोड़ा. भारत, प्रधानमंत्री मोदी पर पूरी तरह से विश्वास करता है. 130 करोड़ भारतीयों ने परीक्षा की घड़ी में पीएम मोदी के नेतृत्व को देखा है, उन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा है.’
India fully trusts and supports PM @narendramodi. 130 crore Indians have seen his administrative experience in some of the most testing times, particularly how he has always put the well-being of the nation over and above everything else.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
जेपी नड्डा ने ये भी कहा कि डॉ मनमोहन सिंह निश्चित रूप से विभिन्न विषयों पर अपने विचार शेयर कर सकते हैं, लेकिन पीएमओ की जिम्मेदारी उनकी नहीं है. यूपीए वाला सिस्टम दफ्तर से साफ हो गया है, जहां सेना का अपमान किया जाता था.
Dr Manmohan Singh can certainly share his wisdom on many subjects but the responsibilities of the office of the Prime Minister isn’t one of them. UPA personified systematic institutional erosion of that office, combined with disrespect for our armed forces. NDA has reversed that!
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ये बयान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के भारत-चीन संघर्ष पर दिए बयान के बाद आया है.
गौरतलब है कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-चीन (China) संघर्ष पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ’15-16 जून, 2020 को गलवान वैली, लद्दाख में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी. इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. देश के इन सपूतों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की. इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं. लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा था, ‘आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है. हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है. प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.’
उन्होंने कहा था, ‘चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है. हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे. प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें.’