नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों में भी तनाव दिख रहा है. उधर अमेरिका भारत से अपने कारोबारी रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस’ (GSP) के तहत भारत को फिर से शामिल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका फिलहाल भारत से इस बारे में बात कर रहा है. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइत्जर ने वहां की सीनेट की फाइनेंस कमिटी के सदस्यों को बताया, ‘अभी तक हमने इसे नहीं किया है. लेकिन अब हम इस पर बात कर रहे हैं. भारत से उचित जवाबी प्रस्ताव मिला तो हम इसे फिर से बहाल कर सकते हैं.’
क्या है जीएसपी का मसला
गौरतलब है कि पिछले साल पीएम मोदी के दौरे से पहले अमेरिका के 44 प्रभावशाली सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से भारत को जीएसपी व्यापार कार्यक्रम में बरकरार रखने की मांग की थी. ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल जून महीने में भारत को ‘जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस’ (जीएसपी) से बाहर कर दिया था. जीएसपी के तहत, भारत को अमेरिका के साथ व्यापार में तरजीह मिलती थी.
जीएसपी अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापार कार्यक्रम है जिसके लाभार्थी देशों को अमेरिका में हजारों उत्पादों के निर्यात में ड्यूटी से छूट हासिल थी. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइत्जर को लिखे पत्र में सांसदों ने कहा था कि जल्दबाजी की जगह हमें अमेरिकी उद्योगों के लिए बाजार उपलब्ध कराना होगा और इसमें छोटे-छोटे मुद्दे आड़े नहीं आने चाहिए.
भारत में कथित हाई टैरिफ से परेशान अमेरिकी
गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेटर मारिया कैंटवेल ने इस बारे में निराशा जाहिर की थी कि उनके राज्य से भारत में जाने वाले सेब पर 70 फीसदी का भारी आयात कर लगाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि भारत इस पर टैरिफ कम लगाए इसके लिए अमेरिकी सरकार ने क्या किया है.
इस पर लाइत्जर ने कहा, ‘हम आपके विचारों से सहमत हैं. अमेरिका फिलहाल भारत के साथ एक बड़े व्यापारिक वार्ता में लगा हुआ है. हम भारत के साथ बड़ी बातचीत कर रहे हैं. मुझे भरोसा है कि आपको यह पता होगा कि हम मुक्त व्यापार समझौते की तरफ बढ़ रहे हैं. अगर ऐसा कुछ हुआ तो यह एशिया के साथ ही होगा.’ मोंटाना के सीनेटर स्टीव डाइन्स ने भारत में दालों पर कथित हाई टैरिफ का मसला उठाया.