नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालात पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। बैठक से बाहर निकले दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता (Delhi BJP Chief, Adesh Kumar Gupta) ने कहा कि भाजपा ने कोरोना टेस्ट कीमतें आधी करने की मांग की थी, जिसे अमित शाह ने मंजूर कर लिया है। यह दिल्ली के लोगों के लिए राहत की बात है। अब दिल्ली में कोरोना की टेस्टिंग का खर्च आधा होगा।
वहीं, आदेश गुप्ता ने यह जानकारी भी दी है कि अमित शाह सर्वदलीय बैठक में कहा है कि आगामी 20 जून से दिल्ली सरकार रोजाना कोरोना के 18000 टेस्ट करेगी। इससे बीमारी के पहचान के बाद लोगों को इलाज होगा और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।
दिल्ली BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता के मुताबिक, बैठक में पार्टी की ओर से अस्पतालों में बेड के चार्ज फिक्स करने की मांग की है। इस मामले को संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री ने एक समिति गठित की है जो 2 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के आधार पर निजी अस्पतालों के लिए प्राइस कैपिंग की जाएगी।
दिल्ली में बढ़ाए जाएंगे बेड :AAP नेता संजय सिंह
सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पताल में 1900 बेड और केंद्र सरकार के अस्पताल में 2000 बेड बढ़ाने का प्रस्ताव आया है। निजी अस्पताल में 1,178 बेड बढ़ेंगे। 500 कोच के जरिए 8,000 बेड बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 500 कोच और लेकर 16,000 बेड बढ़ाने की बात कही गई है।
वहीं, कांग्रेस की ओर पहुंचे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी (Delhi Pradesh Congress Committee president Anil Chaudhary) ने बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि CM गलतबयानी कर रहे है और निजी अस्पतालों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। हमने गृहमंत्री को साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, उन्होंने हेल्थ सेक्रेटरी द्वारा जांच के लिए भेजा है।
इससे पहले बैठक में पहुंचे आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के समक्ष अपनी राय रखी। सूत्रों के मुताबिक, तीनों ही प्रमुख दल कोरोना का टेस्ट करने की बात पर सहमत हैं। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट कराने की बात रखी थी।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैठक में कांग्रेस की ओर बतौर प्रतिनिधि पहुंचे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने अमित शाह से मांग की है कि कोरोना का टेस्ट सबके के लिए उपलब्ध होना चाहिए। यह सबका अधिकार है। इसी के साथ कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि जो सदस्य कोरोना से पीड़ित हो, उसके परिवार को 10,000 रुपये दिए जाएं।
सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि चौथे वर्ष के मेडिकल छात्रों को गैर-स्थायी निवासी डॉक्टरों के रूप में इस्तेमाल किया जाए और स्वास्थ्य कर्मचारियों के संकट के चलते बैचलर ऑफ फार्मेसी या नर्सिंग के भी चौथे वर्ष के छात्रों को स्वास्थ्य के लिए वैकल्पिक रूप में इस्तेमाल किया जाए।
कांग्रेस की ओर से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ( Delhi Pradesh Congress Committee president Anil Chaudhary) बैठक में पहुंचे हैं, जबकि दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी की मानें तो अमित शाह दिल्ली के राजनीतिक दलों के साथ कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे। साथ ही राजनीतिक दलों की राय भी लेंगे।
अनिल चौधरी ने रविवार को ही कहा था- ‘मुझे गृह मंत्रालय से बैठक की सूचना मिली है। मैं बैठक में भाग लूंगा और लोगों से मिले सुझाव को गृहमंत्री के समक्ष रखूंगा।’ वहीं, भाजपा की ओर से इस बैठक में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता शिरकत कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी इस बैठक में कम टेस्टिंग समेत अस्पतालों की व्यवस्था का सुझाव दे सकती है।
इससे पहले रविवार को अमित शाह की दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के तीन नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों के साथ दो-दो मीटिंग की थीं। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए थे।
बैठक के बाद कहा गया है कि दिल्ली में अगले 2 दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी। 6 दिन बाद टेस्टिंग को तीन गुना किया जाएगा, जिससे पीड़ितों की पहचान कर उनका समय पर इलाज हो सके और अन्य लोगों में फैलने से रोका जा सके।
इसी के साथ दिल्ली को 500 रेलवे आइसोलेशन कोच देने की भी घोषणा हुई, जिसमें 8,000 अतिरिक्त बेड होंगे। खासकर कंटेनमेंट जोन में कॉन्टैक्ट मैपिंग के तहत घर-घर जाकर हर एक का हेल्थ सर्वे किया जाएगा। केंद्र ने अपने पांच सीनियर अधिकारी भी दिल्ली सरकार को दिए हैं ताकि प्लानिंग और मैनेजमेंट बेहतर हो सके।