शेखर पंडित
दिल्ली में कोरोना महामारी ने ने बहुत भयावह रूप ले लिया है। देश की राजभानी में लगभग 40 हज़ार COVID-19 मामलों के साथ दिल्ली देश में बड़ी विकट परस्थिति बन गई है और कोरोना के मामले में उससे आगे सिर्फ महाराष्ट्र और तमिलनाडु है। जानकरी हो की जिस हिसाब से दिल्ली में वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में तो दिल्ली कुछ ही दिनों देश में कोरोना के मामले में एक नंबर होगी और वुहान बन जाएगी।
इस स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है की दिल्ली सरकार की पोल अब खुल चुकी है। अब दिल्ली में हालत बिगड़ने पर देश के गृह मंत्रालय को भी इस मामला में अपने हस्तक्षेप करना पड़ा रहा है। गृह मंत्रालय की तरफ से ट्वीट के भी किया गया की “गृह मंत्री श्री अमित शाह (Amit Shah) और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और एसडीएमए के सदस्यों के साथ COVID-19 को लेकर राजधानी की व्यवस्था के मद्देनज़र एक बैठक आयोजित करेंगे। इसमें एम्स के निदेशक और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित होंगे”। अब दिली पर अमित शाह भी गंभीर हैं।
गृह मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक़ यह प्रतीत होता है की खुद स्वास्थ्य मंत्री को भी दिल्ली सरकार की व्यवस्था पर अब भरोसा नहीं रह गया है। इसी के चलते डॉ हर्ष वर्धन ने दिल्ली के नगर निगम के महापौर के साथ बैठक आयोजित की थी। अब साफ़ दिखाई देता है कि दिल्ली में स्थिति बहुत जी गंभीर है और दिल्ली की आप सरकार इसे संभालने में पूरी तरह विफल हो रही है।
आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने टेस्टिंग में कमी को देखते हुए केजरीवाल सरकार को फटकारा था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर कोरोना से जान जाने वालो के आंकड़े छुपाने के भी आरोप लगे और केजरीवाल के दावों के ठीक विपरीत एमसीडी ने जो आंजादे जारी किये, उनके मुताबिक़ दिल्ली में इस कोरोना महामारी के चलते लगभग 2100 लोग अपनी जान गवा चुके हैं।
आपको जानकरी हो की हालिया आंकड़ों के मुताबिक़ दिल्ली में कोरोना से रिकवरी रेट केवल 38 प्रतिशत है, जो 50 प्रतिशत से अधिक के राष्ट्रीय रिकवरी रेट से बहुत कम है। वहीँ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया का कहना है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो जुलाई खत्म होते होते दिल्ली को डेढ़ लाख अतिरिक्त बेड्स की जरुरत पड़ेगी, इसके बाद दिल्ली के कुल कोरोना पॉजिटिव मामले 50 लाख के पार भी जा सकते हैं।