कर्नाटक की आईपीएस अधिकारी डी रुपा ना सिर्फ ट्विटर बल्कि सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर भी खूब सक्रिय रहती हैं, जनता के सामने उनकी निडर और बेबाक इमेज है, शुरुआत से ही पढाई में होशियार रहने वाले रुपा का बचपन कर्नाटक के दावनगेरे में बीता, उनके पिता बचपन से ही उन्हें पुलिस में जाकर देश सेवा करते देखना चाहते थे, डी रुपा पहली बार सुर्खियों में तब आई थी, जब साल 1994 के हुबली दंगा मामले में कोर्ट के आदेश के बाद एमपी की तत्कालीन सीएम उमा भारती को गिरफ्तार करने पहुंची थी, आइये उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें आपको बताते हैं।
पिता का सपना पूरा करने के लिये रुपा ने मास्टर्स करने के बाद नेट-जेआरएफ परीक्षा में कामयाबी पाने के साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरु कर दी, जब रुपा का चयन यूपीएससी में हो गया, तो उन्होने जेआरएफ की नौकरी छोड़ दी, उन्होने यूपीएससी में 43वां रैंक हासिल किया था, अगर वो चाहती तो आईएएस का पद भी आसानी से मिल सकता था, लेकिन उन्होने पुलिस सेवा में जाने का फैसला लिया।
कई नामचीन राजनेताओं के खिलाफ एक्शन लेने और उनसे जुड़े खुलासे करने की वजह से डी रुपा को अपने करियर में करीब 41 बार तबादला झेलना पड़ा है। आईपीएस डी रुपा गलत लोगों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिये जानी जाती है, सिस्टम से टकराव को लेकर वो अकसर सुर्खियों में रहती हैं।
साल 2017 में तमिलनाडु की एआईएडीएमके नेता शशिकला जेल में बंद थी, वहां उन्हें विशेष सुविधाएं मिल रही है, जिसे लेकर आईपीएस डी रुपा ने खुलासा किया था, इसके साथ ही उन्होने पुलिस वालों को वीवीआईपी लोगों की सेवा से हटा लिया था, तब भी उनका नाम खूब सुर्खियों में रहा था।
आईएएस से शादी
पुलिस अधिकारी डी रुपा एक प्रशिक्षित भारतनाट्यम डांसर भी हैं, साथ ही उन्होने शास्त्रीय संगीत की भी तालीम ले रखी है, इसके साथ ही रुपा शॉर्प शूटर भी हैं, अपनी ट्रेनिंग के दौरान उन्होने कई अवॉर्ड भी जीते हैं, उन्होने आईएएस अधिकारी मुनीश मुद्गिल से शादी की है, दोनों के दो बच्चे हैं, एक साधारण परिवार से आईपीएस बनने का सफर युवाओं के लिये प्रेरणादायक है।