अहमदाबाद। कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक पत्र लिखा है। इसमें उम्र और कोरोना महामारी के कारण उपजे हालातों का हवाला देते हुए पूछताछ से छूट मॉंगी है। ईडी ने कॉन्ग्रेस नेता को 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के संदेसरा स्कैम में पूछताछ के लिए तलब किया था।
एजेंसी के सामने हाजिर होने से एक दिन पहले पटेल ने यह चिट्ठी लिखी। कॉन्ग्रेस नेता ने लिखा, “65 से ज्यादा की उम्र का हूॅं, कृप्य फिलहाल माफ करें।” उन्होंने कहा कि कोरोना से जुड़े गाइडलाइन के कारण उनके लिए घर में रहना ही ठीक होगा।
#Breaking 1st on TIMES NOW | Day before @ahmedpatel’s @dir_ED appearance over Sandesara scam, he cites ‘Corona’ to avoid saying ‘above 65, please excuse now’.
ED responds with new dates saying ‘will come home to question’.
ईडी के प्रश्नों से बचने के लिए अहमद पटेल ने खुद को वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में रखते हुए कहा कि इस समय घर से बाहर निकलने में अधिक उम्र वालों को ज्यादा जोखिम है। इसलिए उन्होंने पत्र के जरिए ईडी से कल होने वाली पूछताछ के समन को फिलहाल टालने का आग्रह किया।
हालाँकि प्रवर्तन निदेशालय ने अपने जवाब में नई तारीखों का उल्लेख करते हुए अहमद पटेल से घर पर ही पूछताछ की बात कही है। एजेंसी ने पटेल से कहा है कि पूछताछ के लिए वह इस सप्ताह या फिर अगले सप्ताह उनके आवास पर ही आ जाएँगे।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को पुष्टि की कि अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी ने कबूल किया है कि वे स्टर्लिंग बायलॉज लिमिटेड के निदेशक नितिन संदेसरा के छोटे भाई चेतन संदेसरा को जानते थे।
संदेसरा मामले से अहमद पटेल का कथित संबंध
कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम संदेसरा मामले में पिछले साल सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जाँच में गवाहों ने अहमद पटेल, उनके बेटे फैसल पटेल और उनके दामाद इरफान सिद्दीकी नाम लिया था। सूत्रों ने बताया कि गवाहों ने अहमद पटेल के घर को हेडक्वार्टर बताया था। सूत्रों ने यह भी बताया था कि फैसल पटेल और दामाद इरफान अहमद सिद्दीकी ने संदेसरा से पैसे लिए थे।
पिछले साल अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय ने स्टर्लिंग बायोटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल को तलब किया था। ईडी द्वारा फैसल पटेल से दवा कंपनी के मालिक संदेसरा बंधुओं से संबंधों को लेकर पूछताछ की गई थी।
पूछताछ से बचने के लिए पहले भी स्वास्थ्य का बना चुके हैं बहाना
कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल का पूछताछ से बचने के लिए स्वास्थ्य का बहाना बनाना कोई नई बात नहीं है। पिछले साल भी जब पटेल को आयकर विभाग ने हवाला केस में पूछताछ के लिए बुलाया था तो उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला दिया था। कॉन्ग्रेस पार्टी के कार्यालय में हवाला द्वारा 400 करोड़ रुपये नकद पहुँचने का आरोप था, लेकिन उस वक्त भी कॉन्ग्रेस नेता अपनी खराब सेहत का बहाना बनाकर पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे।
तब उन्होंने साँस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी और खुद को फरीदाबाद, हरियाणा के मेट्रो अस्पताल में भर्ती करवा लिया था। रिपोर्टों के अनुसार पटेल को अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस समिति के कोषाध्यक्ष के रूप में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
अहमद पटेल अन्य कई विवादों में भी शामिल रहे हैं
अहमद पटेल का विवादों से पुराना नाता रहा है और उनसे अन्य कई मामलों में भी पूछताछ की जा रही है। अप्रैल 2019 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के ओएसडी के यहाँ छापेमारी के बाद रिपोर्ट सामने आई थी कि दिल्ली के तुगलक रोड स्थित एक प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्य कार्यालय में 20 करोड़ रुपए भेजे गए थे, जिसे पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के माध्यम से भेजा गया था।
हालाँकि विभाग ने राजनीतिक दल और पदाधिकारी का नाम नहीं बताया था, लेकिन यह बताया गया था कि दिल्ली में कॉन्ग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी एसएम मोइन के निवास स्थान पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। दरअसल जब आयकर विभाग के अधिकारी मोइन के आवास पर छापेमारी कर रहे थे, उस समय भी अहमद पटेल दिल्ली में मोइन के आवास पर पहुँचे थे।
अहमद पटेल का नाम यूपीए कार्यकाल के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जाँच के दौरान भी सामने आया था। इस दौरान बिचौलिया मिशेल से बरामद एक डायरी में कुछ रिश्वत प्राप्तकर्ताओं के नामों की तरफ इशारा किया गया था, जो कि सौदे को पूरा करने के लिए दी गई थी। डायरी में कुछ कोडवर्ड जैसे कि “एपी”, “एफएएम”, “पीओएल”, “बीयूआर”, “डीजी एसीक्यू”, “एएफ” लिखे हुए थे।
कथित तौर पर उन लोगों के नाम डायरी में लिखे हुए थे, जिनको रिश्वत दी गई थी। अगस्ता के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के बाद हिरासत के दौरान उसने ईडी को कथित तौर पर बताया था कि एपी का मतलब अहमद पटेल है।