लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाइक बोट घोटाला केस में सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offence Wing) की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 5 जिलों में छापेमारी की. ईओडब्ल्यू की टीम ने मेरठ के अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर में एक साथ छापा मारा. इस कार्रवाई में ईओडब्ल्यू की टीम ने 178 मोटरसाइकिलें बरामद की हैं.
बरामद हुई हैं 178 बाइकें
ईओडब्ल्यू मेरठ के एसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि पांच इंस्पेक्टरों अपनी-अपनी टीमों के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया. शुरुआती जांच पड़ताल में यह सामने आया है कि इस बाइक बोट कंपनी के नाम पर अब तक लोगों से करोड़ों की ठगी की चुकी है. इस मामले में कुल 56 से अधिक एफआईआर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दर्ज हुए हैं, इनमें सबसे ज्यादा गौतमबुद्ध नगर के मामले हैं.
करीब 3 लाख लोगों से ठगी
ईओडब्ल्यू की टीमों ने मुजफ्फरनगर से 50 ,गाजियाबाद से 72 ,हापुड़ से 22, मेरठ से 21 और बागपत से 13 बाइकें बरामद की हैं. इस पूरे घपले का मास्टरमाइंड नोएडा का रहने वाला सुंदर भाटी नाम का शख्स है. लगभग 3 लाख लोगों के साथ बाइक बोट कंपनी के नाम ठगी हुई है. ईओडब्ल्यू के मुताबिक यह घोटाला करीब 2600 करोड़ से ज्यादा का है. मास्टरमाइंड सुंदर भाटी समेत 19 लोगों ने मिलकर लोगों के साथ यह घपलेबाजी की है.
ऐसे दिया घोटाले को अंजाम
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि बाइक बोट कंपनी ने दूसरी कंपनियों को करोड़ों रुपये डायवर्ट किए. इस मामले में दो दर्जन बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं. बाइक बोट कंपनी के मालिक 42 वर्षीय सुंदर भाटी ने अलग-अलग राज्यों में निवेशकों को लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया और फिर उसे हड़प लिया. बाइक टैक्सी के लिए कंपनी में हर निवेशक को 62,100 रुपए निवेश करना था. कंपनी ने निवेशकों को दोगुना पैसा देने का लालच दिया और बाद में उनके रुपए हड़प लिए.