भारत के Legal Rights Protection Forum यानि LRPF नाम के एक NGO ने देश में गैर-कानूनी तरीके से धर्मांतरण कराने वाले एक अन्य NGO “India Rural Evangelical Fellowship” के खिलाफ गृह मंत्रालय में शिकायत दर्ज की है और Foreign Contribution Regulation Act यानि FCRA कानून के तहत इस NGO पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। Legal Rights Protection Forum ने यह आरोप लगाया है कि IREF नामक यह NGO विदेशों से पैसा लेकर आंध्र प्रदेश में गांवों में जाकर गरीब बच्चों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराता है। इतना ही नहीं, आरोपों के मुताबिक राज्य की सत्तासीन पार्टी YSRCP और IREF भारत के प्रमुख के बीच करीबी संबंध हैं, और IREF के प्रमुख ने हाल ही के चुनावों में YSRCP के लिए राजनीतिक मुहिम भी चलाई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर राज्य में धर्मांतरण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
यह खबर इसलिए और भयावह हो जाती है क्योंकि इस NGO के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP से करीबी संबंध बताए जाते हैं। IREF के अध्यक्ष रेब्बा इमेनुएल ने हाल ही में YSRCP के लिए campaign में हिस्सा लिया था। इसके अलावा उन्होंने एक video जारी कर सभी इसाइयों को YSRCP के लिए ही वोट करने के लिए कहा था। इसके अलावा इस चर्च पर “भारत-विरोधी” बयानबाजी करने और वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप भी लगते रहे हैं। कुल मिलाकर इस खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे जगन सरकार आंध्र प्रदेश में इस NGO को शिक्षा के नाम पर ऑपरेट करने की छूट दी हुई है।
वैसे भी जगन सरकार पर समय-समय पर राज्य में हिन्दू-विरोध और ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले वर्ष ही आंध्रप्रदेश की जगन मोहन सरकार ने जेरूसलम की धार्मिक यात्रा पर जाने वाले ईसाईयों को दी जाने वाली मदद में भारी इजाफा किया था। इसके अलावा पिछले वर्ष जब जगन मोहन रेड्डी अमेरिका के दौरे पर गए थे, तो उन्होंने एक कार्यक्रम में दीप जलाने से साफ इंकार कर दिया था। इसी के साथ-साथ एक अन्य मामले में तिरुमाला में मंदिर दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं को आंध्र प्रदेश के सरकारी परिवहन विभाग द्वारा जो टिकट दी गई थी, उन टिकटों के पीछे हज और यरूशलम जैसे गैर–हिन्दू तीर्थस्थलों से संबन्धित विज्ञापन दिये हुए थे। यह तो हद ही थी कि मंदिर जाने वाले लोगों के लिए जानबूझकर ईसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा था। ऐसे में अब राज्य में धर्मांतरण की गतिविधियों को अंजाम दे रहे इस NGO का खुलासा होना कोई हैरानी की बात नहीं है। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस मामले पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है।