लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई हिंसा के मुख्य आरोपित मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुफ्ती शहजाद चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सदस्य है। शहजाद को शनिवार (जून 6, 2020) को मुरादनगर में उसके घर से आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने गिरफ्तार किया।
जानकारी के मुताबिक शहजाद और उसके साथी परवेज के खिलाफ मेरठ के नौचंदी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही वह फरार था। अब ATS ने उसे पकड़कर आगे की पूछताछ के लिए नौचंदी पुलिस को सौंप दिया है।
पुलिस ने बताया कि शहजाद और उसके साथी ने मेरठ के शास्त्री नगर में किराए के घर में पीएफआई का ऑफिस भी खोल रखा था। सीएए विरोधी दंगों की जाँच के दौरान जब मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उनके नाम सामने आए तो पुलिस ने इस ऑफिस पर भी छापा मारा, जहाँ से कई भड़काऊ संदेश देने वाले पोस्टर और बैनर बरामद हुए थे। इनमें से से कुछ पोस्टरों पर ‘बेखौफ जिओ’, ‘बाइज्जत जिओ’ जैसे स्लोगन लिखे थे, तो वहीं कई पोस्टर झारखंड में हुई तबरेज अंसारी की हत्या और बाबरी मस्जिद से संबंधित थे।
मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने कहा, “आरोपितों ने 20 दिसंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शनों से पहले और उसके दौरान एक उत्तेजक की भूमिका निभाई थी। सीएए के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए शहजाद और परवेज एक विशेष वर्ग को हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे। हमने अब परवेज को ट्रेस करने के लिए एक मैनहंट लॉन्च किया है।”
पुलिस ने बताया कि हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी और पाँच दर्जन से अधिक घायल हुए थे। बता दें कि सीएए विरोध के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने दंगे भड़काए थे। मेरठ पुलिस ने इसका वीडियो जारी किया था, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से दंगे के दौरान 30 पुलिसकर्मियों को ज़िंदा जलाने की कोशिश में थे वहाँ के दंगाई। हालाँकि वक़्त रहते उन्हें अपने इरादों में क़ामयाब होने से रोक लिया गया था और सभी पुलिसकर्मियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
20 दिसंबर को हुए दंगे के दौरान दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर बंदूकें भी तानी गई थीं। इसमें SDPI और PFI की अहम भूमिका सामने आई थी। बताया गया था कि मेरठ में PFI ने 12 खातों में रकम भेजी थी। यह रकम रिहैबिलिटेशन इंडिया एनजीओ के माध्यम से फंडिंग की गई थी। ये बात भी सामने आई थी कि PFI ने चार खातों में तीन करोड़ रुपए की रकम भेजी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा है था कि दंगाइयों और गुंडों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि उनकी सात पुश्तें याद रखेंगी।