केरल राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन एमसी जोसेफिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) अदालत और पुलिस स्टेशन दोनों है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक जोसेफिन ने यह बातें कदीनामकुलम घटना के मुद्दे पर बोलते हुए कही, जहाँ एक महिला का पति और उसके दोस्तों द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया था।
सीपीएम नेता पीके सासी पर लगे आरोपों के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में जोसेफिन ने कहा कि आयोग को इस मामले की जाँच करने की कोई आवश्यकता नहीं है, जब पीड़िता ने खुद कहा कि पार्टी द्वारा की गई जाँच ही काफी होगी।
एक रिपोर्टर ने सीपीआई (एम) नेताओं के खिलाफ कुछ मामलों पर आयोग के रुख के बारे में पूछा था। जिसके जवाब में जोसेफिन ने यह चौंकाने वाली बात कही। बता दें कि जोसेफिन सीपीएम की केंद्रीय समिति की सदस्य भी हैं।
महिला पैनल प्रमुख ने सीपीआई (एम) नेता और विधायक पीके सासी से जुड़े मामले का जिक्र करते हुए कहा, “मैं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हो सकती हूँ, लेकिन मैं कम्युनिस्ट पार्टी से हूँ। कोई भी अन्य पार्टी, मेरे अलावा, महिलाओं के खिलाफ मामलों में कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। मुझे पता है कि आप किस मामले की बात कर रहे हैं। उस मामले में, परिवार के सदस्य, जो पार्टी समर्थक हैं, ने मुझे बताया कि उनके लिए पार्टी द्वारा लिए जाने वाले फैसले ही काफी हैं।”
जोसेफिन आगे कहा, “हमारी पार्टी कोर्ट भी है और पुलिस स्टेशन भी। उस संबंध में किसी भी नेता के बारे में कोई उदासीनता नहीं दिखाई जाएगी।”
गौरतलब है कि 2018 में, श्योरानूर के विधायक पीके सासी पर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) की एक महिला नेता यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाग सत्तारुढ़ माकपा सरकार ने उन्हें 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
महिला पैनल ने तब कहा था कि वे इस मामले की जाँच तभी करेंगी जब महिला सार्वजनिक रूप से सामने आएगी या फिर पुलिस में मामला दर्ज कराएगी।
इस बीच राज्य में विपक्षी दल कॉन्ग्रेस ने जोसेफिन को राज्य महिला पैनल प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की माँग की है। राज्य में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि जोसेफिन, जो एक अर्ध-न्यायिक निकाय के प्रमुख हैं, ने संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए एक टिप्पणी की है।
चेन्निथला ने एक विज्ञप्ति में कहा, “महिला पैनल प्रमुख कहती हैं कि CPI (M) का अर्थ है अदालत और पुलिस। उनका उस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने अर्ध-न्यायिक निकाय का नेतृत्व करते हुए संविधान-विरोधी बयान दिए हैं जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने जोसेफिन के बयान को देश की कानूनी प्रणाली के प्रति अपमानजनक बताया।