दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राहुल कँवल की बेइज्जती कर दी। दरअसल, कँवल ने अपने चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के अस्पतालों और सरकार द्वारा जारी किए गए एप का ‘रियलिटी चेक’ किया था। इसके बाद ट्विटर पर उन्होंने बखान किया कि वो इस बात से अभिभूत हैं कि सीएम केजरीवाल ने उनका शो देखा और दावा किया कि केजरीवाल ने एप्लीकेशन और अस्पतालों के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए कुछ दिन का समय माँगा है।
राहुल कँवल ने अपने शो में दावा किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में जो स्थिति है और दिल्ली कोरोना एप्लीकेशन में जो दिखाया जा रहा है, वो काफ़ी अलग है। कँवल ने दिल्ली के अस्तपालों के वार्डस में बदतर स्थिति होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि अस्पतालों में मरीजों और उनके रिश्तेदारों का क्रंदन काफ़ी डरावना है। उनकी ट्वीट को कोट करते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कहा, “माफ़ करना राहुल, मैं कभी तुम्हारे प्रोग्राम्स नहीं देखता।“
केजरीवाल की इस ट्वीट के बाद लोगों ने राहुल कँवल का ख़ूब मजाक बनाया। एक यूजर ने लिखा कि राहुल कँवल ने हेयरकट वाला ट्वीट नहीं किया था, इसीलिए अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें भाव नहीं दिया। बता दें कि केजरीवाल ने सागरिका घोष को हेयरकट एन्जॉय करने की सलाह दी थी। एक अन्य यूजर ने लिखा कि भाजपा के ख़िलाफ़ इतना माहौल बनाने के बावजूद उन्हें सिर्फ़ बेइज्जती ही मिली। एक अन्य यूजर ने पूछा कि कँवल अब कितने झूठ बोलेंगे?
Sorry Rahul, I never watch ur programs https://twitter.com/rahulkanwal/status/1269169112254574592 …
Rahul Kanwal
✔@rahulkanwal
Glad Delhi CM @ArvindKejriwal watched @IndiaToday #Newstrack coverage of hospital and App reality check so closely. He’s asked for a few days time to align what the App says with what hospitals say is actual situation in the wards. Cries of relatives of patients were horrifying.
इधर केजरीवाल ने भी शनिवार (जून 6, 2020) को कहा कि कोई भी अस्पताल किसी भी मरीज को एडमिट करने से इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के लक्षण वाले मरीज आते हैं तो अस्पतालों को उन्हें एडमिट कर के उनका इलाज करना ही होगा क्योंकि अब तक कोरोना की कोई दवा नहीं आई है। उन्होंने मेडिकल कर्मचारियों को PPE किट्स पहनने की सलाह दी, अगर मरीज में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो।
‘इंडिया टुडे’ के शो में विभिन्न अस्पतालों के मरीजों से बात की थी, जिन्होंने दावा किया था कि मरीजों को अस्पतालों में एडमिट नहीं किया जा रहा है। उन्होंने अस्पतालों के प्रबंधन का भी बयान दिखाया था। एक 67 साल के कोविड मरीज की मौत का मुद्दा उठाया गया था, जिनके परिवार ने अस्पताल पर कोताही बरतने के आरोप लगाए थे। इसी शो के बारे में कँवल ने ट्विटर पर बताया, जहाँ केजरीवाल ने उन्हें जवाब दिया।
हालाँकि, ये पहली बार नहीं है जब अरविन्द केजरीवाल ने राहुल कँवल को इस तरह का जवाब दिया हो। राहुल कँवल ने एक बार केजरीवाल से उनके मंत्री रहे सोमनाथ भारती पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल पूछा था। कँवल ने केजरीवाल से पूछा था कि वाड्रा या भाजपा के मामले में तुरंत जाँच की माँग करने वाले केजरीवाल अपनी पार्टी में ऐसा क्यों नहीं करते? इस पर केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें तो राहुल ने कोई कागज़ भेजा ही नहीं।
अरविन्द केजरीवाल ने तब भी मार्च 2014 में कहा था कि वो राहुल कँवल के कार्यक्रम देखते ही नहीं हैं क्योंकि वो इंटरेस्टिंग नहीं होते हैं। उन्होंने कँवल से कहा था कि वो बुरा न मानें लेकिन उनके प्रोग्राम्स इंटरेस्टिंग नहीं होते हैं। एक बार तो केजरीवाल ने कँवल को पीएम मोदी का प्रवक्ता तक बता दिया था। इस पर कँवल ने कहा था कि जब एक ट्रोल मुख्यमंत्री बनता है तो यही होता है। ये बहस ट्विटर पर सितम्बर 2016 में हुई थी।