लखनऊ। लॉकडाउन में लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिये उत्तर प्रदेश की पुलिस सजगता और बेहद संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. प्रदेश को कोरोना संकट से उबारने के लिए डॉक्टर्स के बाद पुलिसकर्मी बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं. कानून व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस के जवान जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने का भी काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर लॉकडाउन में डायल 112 से 2 लाख 80 हजार से ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई गई है.
24 मार्च से 31 मई तक की अवधि में जरूरतमंदों के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा किए सरहनीय काम की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि 2 लाख 80 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों को खाद्य सामाग्री पहुंचाई गई है. इस दौरन पीआरवी वाहन 112 के जरिए करीब 45 हजार लोगों को जीवन रक्षक दवाएं मुहैया करवाई गईं. 26 हजार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचानें में मदद की गई, जिनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और कैंसर के मरीज शामिल हैं. पीआरवी वाहन के जरिए 8 हजार से ज्यादा लोगों को जरूरी सामान भी मुहैया कराया गया. जिनमें गैस सिलेंडर, दूध जैसी चीजें शामिल हैं.
अपर मुख्य सचिव गृह ने पुलिसकर्मियों की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोरोना वॉरियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मानवीय संवेदना का एक अद्वितीय उदाहरण पेश किया है.
वहीं, अपर पुलिस महानिदेशक, डायल 112 असीम अरूण ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बिहार प्रान्त से आदर्श कुमार सिंह का ट्वीट मिला कि उनकी पत्नी और नवजात बच्ची लखनऊ में हैं. बच्ची का खाना (बेबी फीड) खत्म हो गया है और बच्ची बिलख रही है, जिसकी सूचना मिलते ही PRV 112 ने आदर्श से संपर्क किया और तुरंत बेबी फीड उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचाया.
ऐसे ही बहराइच के मतेहीकला गांव निवासी एक बुजुर्ग का दिल्ली से इलाज चल रहा था, उनकी दवाइयां भी वहीं से आती थी. उनके पोते ने ट्वीट कर मदद मांगी. जिसपर PRV 112 ने DCP साउथ दिल्ली परविंदर सिंह से संपर्क किया और उनके द्वारा दवाई को गौतमबुद्धनगर पुलिस तक पहुंचवाई. जिसके बाद गौतमबुद्ध नगर से पुलिस ने लखनऊ आ रही एक एम्बुलेंस की मदद से बुजुर्ग की दवाई को राजधानी तक भिजवाया और फिर बहराइच तक ले जाने की व्यवस्था की गई.