लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब तक 3 लाख से ज्यादा सैंपल्स की कोरोना जांच की जा चुकी है. बुधवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10,000 कोराना टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं.
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के मुताबिक 23 मार्च को उत्तर प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए मात्र केजीएमयू लखनऊ में माइक्रो बायोलॉजी लैब उपलब्ध थी. लेकिन अब प्रदेश में राजकीय और निजी लैब्स को मिलाकर कुल 32 लैब्स में कोविड-19 के सैंपल्स की जांच की जा रही है. इनमें 22 लैब राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं संस्थानों में संचालित हैं.
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि प्रदेश सरकार के सामने कोरोना महामारी से निपटने के लिए संक्रमितों की जल्द से जल्द जांच करना आवश्यक है. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जांच क्षमता बढ़ाने के लिए रैपिड आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीनों को प्रदेश के महत्वपूर्ण राजकीय क्षेत्र की लैब्स में लगाया जा रहा है. केजीएमयू और एसजीपीजीआई जैसी महत्वपूर्ण लैब में मशीनों को भी स्थापित करने की कार्यवाही चल रही है. इस मशीन की मदद से आने वाले वक्त में हर दिन जांच की संख्या बढ़कर 15,000 से ज्यादा हो जाएगी.
डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि 23 मार्च तक उत्तर प्रदेश में मात्र 1031 जांच हो रही थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी के दिशा निर्देश पर बढ़ाते हुए 11 मई को 1 लाख कर दिया गया. 22 मई तक 2 लाख नमूनों की जांच हुई, जो आज 3 लाख के पार पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि 23 मार्च को प्रदेश में जहां एक लैब ही उपलब्ध थी, वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सघन प्रयास से 6 अप्रैल को 10 लैब, 4 मई तक 20 और 28 मई तक 30 लैब करते हुए आज प्रदेश में 32 लैब्स की कोरोना जांच के लिए व्यवस्था कर दी गई है.