नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरे होने जा रहे हैं. 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनी तो मंत्रिमंडल में कई ऐसे चेहरों की तरजीह दी गई जो पिछली मोदी सरकार में शामिल नहीं थे. अमित शाह को गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया तो ऐसे ही एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया है. मोदी कैबिनेट 2.0 में इन दोनों नेताओं ने सबसे ताकतवर चेहरे के तौर पर अपनी पहचान बनाई है.
अमित शाह सबसे पावरफुल मंत्री
मोदी कैबिनेट 2.0 में शामिल होने वाले चेहरे में सबसे पावरफुल चेहरा अमित शाह का रहा, जिन्हें गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. इससे पहले शाह के पास केंद्र सरकार में किसी भी मंत्रालय का अनुभव नहीं था. हालांकि, अमित शाह ने कैबिनेट में शामिल होते ही कई ऐसे अहम फैसले लिए जिन पर लंबे अरसे से कोई भी सरकार हाथ डालने से कतराती रही है. जम्मू-कश्मीर में 370 को खत्म करने का मामला रहा हो या फिर आतंकवाद के खिलाफ UAPA जैसा कड़ा कानून या फिर सीएए में संसोधन करने की बात हो, अमित शाह ने बखूबी करके दिखाया है.
जयशंकर के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों के चलते कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को कैबिनेट का हिस्सा बनाते हुए विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. एस जयशंकर मंत्री के तौर पर पहला अनुभव है, हालाकिं उन्होंने विदेश सचिव के तौर पर अहम जिम्मेदारी को निभाया है. जयशंकर उन लोगों में शामिल थे जो चीन के साथ डोकलाम मुद्दे का हल निकाला था. इतना ही नहीं वे भारत में अमेरिका के राजदूत भी रह चुके हैं, यही वजह रही कि मोदी सरकार की कबिनेट का अहम हिस्सा बने.
मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार लोकसभा के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को सौंपा गया है. निशंक पिछली मोदी सरकार में कैबिनेट का हिस्सा नहीं थे, लेकिन इस बार उन्हें काफी अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे ही ओडिशा से पहली बार जीतकर आए प्रताप सारंगी को भी मोदी सरकार ने अपनी कैबिनेट में जगह दी है, उन्हें सूक्ष्म एवं लघु उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया है. नित्यानंद राय को भी मोदी कैबिनटे में पहली बार जगह मिली हैं. नित्यानंद राय को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मोदी सरकार के दिग्गज चेहरे का निधन
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद अगस्त महीने में श्वास संबंधी समस्या के चलते अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां पूर्व वित्त मंत्री का 24 अगस्त को निधन हो गया था. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था और उनका भी अकस्मात निधन हो गया.
ऐसे ही अनंत कुमार का भी निधन हो गया. वह कैंसर से पीड़ित बताए जा रहे थे और एनडीए 1.0 की सरकार में वह संसदीय कार्यमंत्री थे. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने केंद्र की राजनीति छोड़कर अपने प्रदेश गोवा लौट गए थे और कुछ दिनों के बाद उनका निधन हो गया था.
पुराने चेहरों को नहीं मिली जगह
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे नेताओं में कई ऐसे चेहरे रहे हैं, जिन्हें दूसरे कार्यकाल में जगह नहीं मिली है. इनमें उमा भारती, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, शिवप्रताप शुक्ला, जुआल ओरम, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अनुप्रिया पटेल, जेपी नड्डा, एसएस अहलूवालिया, राधामोहन सिंह, चौधरी बीरेन्द्र सिंह, विजय संपला, अनंत गीते, सुभाष भामरे, जयंत सिन्हा, डॉ. महेश शर्मा के नाम शामिल हैं.