नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने मंगलवार को जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर सफूरा जरगर और जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा मीरान हैदर की न्यायिक हिरासत को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है. दिल्ली पुलिस ने 11 अप्रैल को सफूरा जरगर को जाफराबाद से अरेस्ट किया था. फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भड़की सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में सफूरा जरगर और मीरान हैदर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हो गए थे.
रिमांड का समय खत्म होने के बाद सफूरा जरगर और मीरान हैदर को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र जज धर्मेंद्र राणा के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था. फिर कोर्ट ने इन दोनों की रिमांड को 25 जून तक और बढ़ा दिया.
बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सफूरा जरगर के प्रेगनेंट होने की खबर सामने आई थी. जिसके बाद सोशल मीडिया पर सफूरा को रिहा करवाने के लिए एक कैंपेन भी चलाया गया था. सफूरा पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान अपने भाषणों से लोगों को भड़काने का आरोप है.
जामिया की एक अन्य छात्रा गुलफिशा खातून, खालिद सैफी, कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां और आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को भी कोर्ट में पेश किया गया. इनका मामला 28 मई को कोर्ट द्वारा फिर से सुना जाएगा.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, जामिया एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा पर भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भड़की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े होने के लिए UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है.