नई दिल्ली। लद्दाख में चीन की ओर से भारतीय सीमा में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती के बाद भारत ने भी करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने के लिए भारत ने लद्दाख के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी गश्त और निगरानी कड़ी कर दी है.
चीन की ओर से दौलत बेग ओल्डी (DBO) और 114 ब्रिगेड के तहत निकटवर्ती इलाकों में 5000 सैनिकों की तैनाती की गई है. चीनी सैनिकों को किसी भी तरह से आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारतीय सेना ने वायु सेना की मदद से सैनिकों को अग्रिम इलाकों में तैनात किया है.
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक भी बहुत आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं. वे पैंगोंग झील और फिंगर क्षेत्र में भारी वाहनों के साथ-साथ निर्माण के उपकरण भी ले आए हैं. गालवान क्षेत्र में भारत अपनी सीमा के गश्ती इलाकों को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण कर रहा है. शुक्रवार को चीन ने इस निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद चीन ने इस इलाके में (800-900 सैनिकों की) बटालियन तैनात कर दी है, जिन्होंने वहां रहने के लिए लगभग 90 टेंट लगाए हैं.
चीन के सैनिकों के बराबर तैनाती और बराबरी का मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए भारत ने सड़क मार्ग और हेलिकॉप्टरों की मदद से अग्रिम इलाके में और सैनिक भेजे हैं. भारत ने लद्दाख में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उन सीमावर्ती क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई गई है जहां पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपनी उपस्थिति और अतिक्रमण बढ़ाया है. सिक्किम सेक्टर में भी तैनाती बढ़ा दी गई है और चीनी सेना द्वारा किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
चीन भारतीय सीमा के करीब गालवान क्षेत्र तक अपने सैनिकों को लाने-ले जाने और सामानों की सप्लाई के लिए कई सड़क बना चुका है. इसी को देखते हुए भारतीय क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन ने सड़क बनाने के काम में तेजी ला दी थी, जिस पर चीन ने आपत्ति जताई है. इसे लेकर दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 81 ब्रिगेड के अधिकारियों और उनके चीनी समकक्षों के बीच बैठकें भी हो चुकी हैं. दोनों तरफ से सैन्य गश्त भी बढ़ा दी गई है. कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी झड़प हो चुकी है.