वाशिंगटन। चीन से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका 28 साल बाद परमाणु बम के परीक्षण पर विचार कर रहा है। ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह इसे लेकर चर्चा की। देश ने अंतिम बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया था। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार वाशिंगटन पोस्ट ने शुक्रवार को इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी और इस मामले से परिचित दो पूर्व अधिकारियों का हवाले से दी।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन के रूस और चीन द्वारा किए जाए रहे परमाणु परीक्षण के आरोपों पर यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में सामने आया।
हालांकि, बैठक परमाणु परीक्षण करने के बगैर किसी भी समझौते के समाप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार अंततः रूस और चीन द्वारा उत्पन्न खतरों के जवाब में अन्य उपाय करने और परीक्षण को फिर से शुरू करने से बचने के लिए एक निर्णय लिया गया।
परमाणु परीक्षण के विचार से गंभीर रूप से असहमति उभरी
वाशिंगटन पोस्ट ने मामले के जानकार दो लोगों से चर्चा के अनुसार जानकारी दी कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। बैठक के दौरान परमाणु परीक्षण के विचार से गंभीर रूप से असहमति उभरी। विशेष रूप से राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA)ने असहमति जताई। एनएनएसए वह एजेंसी है, जो परमाणु हथियारों के देश के भंडार की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
युद्ध के दौरान परमाणु हथियार तैनात करने वाला एकमात्र देश है अमेरिका
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अमेरिका युद्ध के दौरान परमाणु हथियार तैनात करने वाला एकमात्र देश है, लेकिन 1945 के बाद से कम से कम आठ देशों ने सामूहिक रूप से लगभग 2,000 परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमें से 1,000 से अधिक अमेरिका द्वारा किए गए थे। अमेरिका ने सितंबर 1992 से परमाणु परीक्षण नहीं किया है और परमाणु अप्रसार अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि परीक्षण करने से अब परिणाम अस्थिर हो सकते हैं।