इस्लामाबाद। कोरोना वायरस (Coronavirus) और आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान (Pakistan) ने कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक(ADB) से नए कर्ज की मांग की थी ऋणों में 2 अरब डॉलर का नया कर्ज लेने की योजना बनाई थी.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तान ने विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से जो ऋण मांगा था, वह G-20 देशों से मांगी गई 1.8 अरब डॉलर की कर्ज सहायता से ज्यादा था. पाकिस्तान ने ऐसा अपने राजकोष को सुधारने के लिए किया था.
दस्तावेजों के मुताबिक, पाकिस्तान ने जिस धन की मांग की उसका उपयोग वित्त मंत्रालय, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, बाजार की स्थिरता, बाजार सुविधा, आपूर्ति उपायों और जरूरतों को मजबूत करने के लिए करेंगे. लेकिन अब पता चला है कि पाकिस्तान कोरोना वायरस राहत सहायता का इस्तेमाल बिजली के बिल भरने के लिए कर रहा है. जी हां, ये सच है.
पाकिस्तान ने बिजली दरों को कम करने के लिए जो कर्ज लिया था उसके ब्याज को चुकाने के लिए इमरान खान सरकार 10 अरब पाकिस्तानी रुपए निकाल रही है. यह निर्णय पाकिस्तान कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति की बैठक में लिया गया.
इस बैठक की अध्यक्षता इमरान खान के वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने की थी. शेख ने पाकिस्तान के राहत कोष के लिए एक नीति समिति भी नियुक्त की है, और यही समिति तय करेगी कि निधि कैसे खर्च की जाएगी. और बिजली दरों को कम करने के लिए उक्त राशि का आवंटन करना इसका पहला निर्णय था.
चीनी परियोजनाओं में निवेश, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बिगाड़ रहा है- इससे देश अपनी प्राथमिकताएं भूल गया है.है. पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण इस साल जून तक बढ़कर 37.5 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है, जो उसकी जीडीपी का 90 प्रतिशत होता है. पाकिस्तान वित्तीय बाजारों के विकास कार्यक्रम के नाम पर ADB से 300 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण लेना चाहता है.