नई दिल्ली। चीन (China) किस तरह भारत (India) के खिलाफ हर तरफ साजिश रच रहा है और इस सजिश की वजह है चीन का डर, क्योंकि भारत ही वो देश है जो दक्षिण एशिया में चीन की दादागीरी का जवाब दे सकता है. चीन के बायकाट के बाद भारत ही दुनिया की बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन सकता है. चीन के साजिशों की कहानी की एक लंबी फेहरिस्त है. फिलहाल चीन भारत को सीमा विवाद में उलझाने की कोशिश कर रहा है.
चालबाज चीन को दुनिया में अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है और चीन जब दुनिया के तमाम देशों को देखता है तो उसे भारत में ही वो सभी खूबियां नजर आती हैं, जो उसे आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर मात देकर उसकी जगह ले सकता है. तो क्या ये ही वजह है कि चीन अब भारत को सीमा विवाद में उलझाने की कोशिश कर रहा है.
लद्दाख में चीन ने खुद घुसपैठ की और भारत के सैनिकों पर झूठे इल्जाम लगाए. फिलहाल यहां पर दोनों देशों के सैनिक आमने सामने हैं और खुद को मजबूत कर रहे हैं. नेपाल ने भी नया नक्शा जारी करके भारत के साथ सीमा विवाद खड़ा करने की कोशिश की है, लेकिन नेपाल की इस हरकत का मास्टरमाइंड ड्रैगन को ही माना जा रहा है. इसके अलावा भारत के क्षेत्र गिलगित बाल्टिस्तान जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया है, वहां भी चीन की कंपनियां निर्माण कार्य की तैयारी करके विवाद पैदा कर रही हैं.
इस समय नेपाल में Nepal Communist Party की सरकार है और चीन को Communist पार्टियों से कितना प्यार है ये सब जानते हैं. कहा जाता है कि चीन के कहने पर ही नेपाल की दो कम्यूनिस्ट पार्टियों ने हाथ मिलाया और Nepal Communist Party की स्थापना की. ये पार्टी चुनाव तो जीत गई लेकिन अब इस Party के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा और पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई हावी हो गई है. इसी वजह से चीन नेपाल की राजनीति में दखल दे रहा है. इसी वजह से नेपाल ने नया नक्शा जारी करके भारत के इलाकों को अपना बताया.
चीन ने अपने आधिकारिक बयान में इस पूरे विवाद को नेपाल और भारत का आपसी मुद्दा बताया है, लेकिन सच्चाई ये ही है कि परदे के पीछे से पूरा खेल चीन ही खेल रहा है भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी इसके संकेत दिए थे.
नेपाल को शह देकर चीन क्या ये साबित करने की साजिश कर रहा है कि सिर्फ उसके ही नहीं भारत के भी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद हैं. इसके अलावा चीन लद्दाख में भी अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा है. भारत के इलाकों को दबाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने चीन दादागीरी पर अपना स्टैंड बहुत पहले साफ कर दिया था. चीन अब भारत से कुछ ले नहीं सकता.
पाकिस्तान सरकार के साथ मिलकर चीन गिलगित-बाल्टिस्तान में भी साजिशें कर रहा है. यहां पर एक बांध के निर्माण के लिए चीन की एक सरकारी कंपनी ने 442 अरब रुपये का अनुबंध साइन किया है जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है.
चीन ने भारत के साथ साथ जापान, वियतनाम, फिलीपींस, ताईवान जैसे देशों से विवाद को बढ़ा रखा है. कोरोना कांड के बाद यूरोप और अमेरिका के देश भी चीन से नाराज हैं कोरोना पर जांच की मांग करने और चीन से सामान न खरीदने की बात करने पर ऑस्ट्रेलिया को भी धमकी दी है. इसका मतलब साफ है दुनिया भर से चीन की ये दुश्मनी भारत को ही फायदा पहुंचाएगी.
कुल मिलाकर चीन की चालबाजियों से परेशान हो चुकी दुनिया ड्रैगन का बंदोबस्त करने में लग गई है. चीन को लग रहा है कि वो दुनिया को अपने चक्रव्यूह में घेर रहा है लेकिन सच्चाई ये ही है कि वो खुद चक्रव्यूह में फंसता जा रहा है.