राजीव गाँधी की छतरी सँभाले अमेरिकी राष्ट्रपति रेगन: वीडियो का भोपाल गैस हादसे से क्या है कनेक्शन

जब कभी भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने की बात होती है, कॉन्ग्रेस समर्थक अक्सर एक वीडियो शेयर करते हैं। इस वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉंधी और अमेरिका के राष्ट्रपति रहे रोनाल्ड रीगन नजर आते हैं।

वीडियो में रेगन छतरी सॅंभाले राजीव को उनकी गाड़ी तक छोड़ने आते हैं। इसे दिखाकर कॉन्ग्रेसी यह जताने की कोशिश करते हैं कि राजीव गॉंधी का अमेरिका में कैसा जलवा-जलाल था।

यह वीडियो कई बार कॉन्ग्रेस शेयर कर चुकी है। पिछले साल जब नरेंद्र मोदी ने अपनी स्पीच के दौरान राजीव गाँधी को भ्रष्टाचारी बोला था, उस समय भी इस वीडियो को शेयर किया गया था। हालाँकि तब एक नया कोण इस वीडियो के पीछे का निकलकर सामने आया था।

दरअसल, पिछले साल जब वीडियो धड़ल्ले से शेयर की जा रही थी, तब मोनिका नाम की सोशल मीडिया यूजर ने इस पूरे वाकए के पीछे छिपे राज का पर्दाफाश किया था। मोनिका ने दावा किया था तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रेगन पूर्व प्रधानमंत्री को वीडियो में जो इज्जत देते नजर आ रहे हैं, उसके पीछे गहरा राज है। इसके तार भोपाल गैस त्रासदी और उसके आरोपित वॉरेन एंडरसेन से जुड़े हैं।

Monica

@TrulyMonica

Let me tell you the back story of this “respect”. Ronald Reagan had personally telephoned Rajiv to make sure US Citizen Warren Anderson, culprit of the Bhopal Gas Tragedy was sent back to US safely. So this respect was in return for selling the country to corporate greed ? https://twitter.com/DineshRedBull/status/1124753845177819136 

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मोनिका ने अपने ट्वीट में बताया कि यह वीडियो 1985 का है जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने आदिल शहरयार को क्षमादान दिया था। उनका दावा था कि वीडियो में पूर्व पीएम को मिलने वाली इज्जत एक आपसी लेन-देन का नतीजा थी।

एक ऐसा लेन-देन जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने राजीव गाँधी से भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपित वॉरेन एंडरसन को माँगा था और बदले में उन्हें वीडियो में नजर आने वाली इज्जत व उनका दोस्त आदिर शहरयार लौटाया था। बता दें आदिल शहरयार वही शख्स है, जिसे फ्लोरिडा की अदालत ने कई बार धोखाधड़ी का दोषी करार दिया था।

मोनिका ने अपने ट्वीट में लिखा, “अमेरिकी नागरिक वॉरेन एंडरसन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति रेगन ने स्वयं राजीव गाँधी को फोन किया था और उनसे बात करके सुनिश्चित किया था कि एंडरसन को वे सुरक्षित अमेरिका भिजवाएँ। इसलिए राजीव गाँधी को मिलने वाली ये इज्जत देश को कॉरपोरेट के लालच में बेचने का बदला था।”

गौरतलब हो कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद एंडरसन के अमेरिका जाने के पीछे राजीव गाँधी का हाथ बताया जाता है। कहा जाता है तात्कालीन पीएम राजीव गाँधी के इशारे पर राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने उनकी देश छोड़कर जाने में मदद की थी। एंडरसन को सरकारी प्लेन से कड़ी सुरक्षा के बीच भोपाल से दिल्ली पहुँचाया गया था, जिसके बाद वो अमेरिका वापस चला गया और कभी भारत लौट कर नहीं आया।

आधिकारिक तौर पर इस हादसे में 3,787 लोगों के मरने की बात कही गई। लेकिन कई मीडिया रिपोर्टों में यह संख्या 20-25 हजार बताई जाती है। पीड़ितों के संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 15,274 लोगों की मौत हुई और 5,74,000 लोग बीमार हुए थे।

इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस में प्रणब ढल सामंता भी इस बात का दावा करते हैं कि एंडरसन को सुरक्षित वापस अमेरिका भेजने के लिए अमेरिका का भारत पर दबाव था। ये तथ्य भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि एंडरसन के अमेरिका पहुँचते ही कुछ दिन में आदिल को क्षमा दान मिल गया था।

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