प्रयागराज। यूपी के गाजीपुर जिले में मस्जिदों से लगाई जाने वाली अजान पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी थी. यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था. दरअसल अजान पर इस रोक के खिलाफ बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अजान इस्लाम का अहम हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अजान को फंडामेंटल राइट तो माना लेकिन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा अजान को फंडामेंटल राइट नहीं माना है.
अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के हवाले से निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि (पैरा 40 और 41) सक्षम अधिकारी से बिना अनुमति के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का प्रयोग नहीं कर सकते. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के डीएम के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मस्जिदों से अजान की अनुमति दे दी है.
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता है. कोर्ट ने अपने आदेश में अजान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ बताया है. हालांकि लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति नहीं दी है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिर्फ उन्हीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है, जिन्होंने इसकी लिखित अनुमति पहले से ले रखी हो. जिन मस्जिदों के पास अनुमति नहीं है, वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि लाउडस्पीकर की अनुमति वाली मस्जिदों में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा.