नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर जंग लड़ रहा है। देश में कोरोना वायरस का पहला मामला आने के 101 दिन पूरे हो चुके हैं। पहला केस केरल में 30 जनवरी को मिला था। 101 दिन बाद अब केरल की मौजूदा स्थिति पर नजर डाले तो यहां सिर्फ 20 एक्टिव केस रह गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में इसके उलट स्थिति है। राज्य में पहला मामला नौ मार्च को आया था और यहां अब तक 20 हजार के करीब केस हो चुके हैं। वहीं, गुजरात भी बदहाल है। यहां 7,402 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
केरल में कोरोना
केरल में कोरोना वायरस के अब तक 505 पॉजिटिव मामले सामने आए, जिनमें से चार लोगों की मौत हो गई। यहां 27 मार्च को सर्वाधिक एक दिन में 39 कोरोना मरीज मिले थे। मगर सरकार की सख्ती की वजह से स्थिति बेहतर होने लगी है और अब यहां महज 20 एक्टिव केस बचे हैं।
केरल ने कैसे किया काबू:
दरअसल, केरल में होम क्वारंटाइन को सख्ती से लागू किया गया। 14 दिन की बजाए 28 दिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया। बुखार, खांसी वाले मरीजों को तुरंत लिंक्ड अस्पताल में भेजने के इंतजाम किए गए।
देश में कोरोना की स्थिति
ठीक होने की दर- 29.9 फीसदी
डबलिंग रेट- 11 दिन में दोगुने हो रहे मामले
मृत्युदर-3.3 फीसदी
महाराष्ट्र में क्यों बिगड़े हालात
यहां हॉटस्पॉट तो बन गए पर सामाजिक दूरी के पालन के उपाय नाकाफी रहे। झोपड़पट्टी वालों को शौचालय के लिए बाहर ही जाना पड़ रहा। इससे संक्रमण काफी फैला। जांच के लिए लोगों को जागरूक करने में देरी हुई और डॉक्टरों-बेड की कमी देखने को मिली।
यहां हालात सबसे ज्यादा खराब
कोरोना संक्रमण के लिहाज से महाराष्ट्र के बाद गुजरात (7402) दूसरे नंबर पर हैं। यहां 449 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली संक्रमितों की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है और चौथे पर तमिलनाडु हैं, जहां 6009 संक्रमित अब तक पाए गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश में 3341 संक्रमित हैं और दो सौ ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इन राज्यों में भी स्थिति बेहतर
हिमाचल प्रदेश: 16 मार्च को पहला मामला सामने आया, 9 मई तक 51 लोगों को संक्रमण, तीन मरे
उत्तराखंड:मार्च को पहला मामला सामने आया, 9 मई तक 67 संक्रमित, एक की मौत
ये राज्य बने मिसाल:
- गोवा 20 अप्रैल को पहला कोरोना मुक्त राज्य बना
- मिजोरम में सिर्फ एक केस आया
- शनिवार को इसके स्वस्थ होने के साथ राज्य कोरोना मुक्त
-देश बुरे हालात का सामान करने के लिए तैयार हो गया है। कई विकसित देशों में जैसे हालात बने, हम उस तरह की स्थिति भारत में बनती नहीं देख रहे हैं। – डॉ हर्षवर्धन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री