उत्तर प्रदेश के वाराणसी की स्वतंत्र पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने आत्महत्या कर ली है। 28 वर्षीय पत्रकार की लाश पंखे के फंदे से झूलते हुए मिली। वो लोहता थाना क्षेत्र के हरपालपुर गाँव की निवासी थीं। उनके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने मरने से पहले लिखा था। सुसाइड नोट में युवा समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शमीम नोमानी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
घटना के बाद पुलिस ने सपा नेता शमीम को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। आत्महत्या करने वाली फ्रीलान्स जर्नलिस्ट रिजवाना तबस्सुम बीबीसी हिन्दी, द वायर, द प्रिंट, खबर लहरिया सहित कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा करती थीं। उनके कई आर्टिकल विभिन्न मीडिया पोर्टलों और प्रिंट में प्रकाशित हो चुके हैं। रिजवाना ने मिर्जापुर में स्थित बरकछा खुर्द स्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के राजीव गाँधी कैम्पस से मास कम्युनिकेशन की डिग्री ली थी।
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हुए लॉकडाउन के बाद रिज़वाना ने वाराणसी के रेड लाइट एरिया कहे जाने वाले मंडुआडीह के शिवदासपुर पर एक स्टोरी की थी। पुलिस ने बताया कि सोमवार (मई 4, 2020) की सुबह रिजवाना की आत्महत्या की सूचना मिली। वहाँ पहुँच कर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। उसी कमरे में पिन बोर्ड से लगा हुआ सुसाइड नोट भी मिला। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर के पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
स्वतंत्र पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने की आत्महत्या, पिता ने दर्ज कराया आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा @svaradarajan @BBCWorld @manojdhopchandi @samajwadiparty https://janjwar.com/post/freelance-journalist-rizwana-tabssum-commit-suicide …
स्वतंत्र पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने की आत्महत्या, पिता ने दर्ज कराया आत्महत्या के लिए उकसाने का…
Uttar Pradesh Varansi’s freelance journalist Rizwana Tabssum commit suicide, Father filed a case for abetment to suicide against Shamim Nomani
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जब रिजवाना सुबह 10 बजे तक कमरे से बाहर नहीं निकलीं और लगातार खटखटाने के बावजूद अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तब परिजनों को संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने परिजनों के सामने ही दरवाजा तोड़ा। रिजवाना का सुसाइड नोट एक अख़बार के टुकड़े पर लिखा हुआ था। उनके पिता अजीजुल ने सुसाइड नोट के आधार पर सपा नेता शमीम नोमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
गुरुवार (अप्रैल 30, 2020) को रिजवाना की एक स्टोरी ‘जनज्वार’ में छपी थी, जिसमें तेज बारिश और ओलावृष्टि से तरबूज-खरबूज के किसानों की लाखों की फसलें बर्बाद होने के बारे में बताया गया था। रिजवाना को जानने वाले कई पत्रकारों का कहना है कि उनकी आत्महत्या के पीछे ज़रूर कोई गड़बड़ी है, जो पुलिस को सुलझाना पड़ेगा।