बीजिंग। चीन ने कोरोना वायरस पैदा होने के कारणों की जांच-पड़ताल करने के लिए वुहान में अमेरिकी एंट्री की मांग को खारिज कर दिया है. चीन ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वुहान में एक अमेरिकी टीम को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने की अनुमति देने की मांग को खारिज कर दिया. चीन ने यह कहते हुए अमेरिकी मांग को खारिज कर दी कि वह COVID-19 का ‘पीड़ित’ है न कि इसके लिए ‘अपराधी’ है.
कोरोना वायरस को प्लेग बताते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा था कि वह चीन से खुश नहीं हैं, जहां पिछले साल दिसंबर में मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में कोरोना वायरस की महामारी उभरी थी.
पत्रकारों से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, ‘हमने उनसे (चीनी) बहुत समय पहले बात की थी कि हम वुहान के अंदर जाना चाहते हैं. हम देखना चाहते हैं कि क्या हो रहा है, और मैं आपको बता सकता हूं कि हमें बिल्कुल इसके लिए आमंत्रित नहीं किया गया.’ अमेरिका ने इस बात की जांच शुरू की है कि क्या वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से घातक वायरस “निकल” आया था.
सभी का दुश्मन है कोरोना-चीन
डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, “वायरस सभी मानव जाति का आम दुश्मन है.” बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में गेंग शुआंग ने कहा, ‘यह वायरस दुनिया के किसी भी हिस्से में पैदा हो सकता है. दूसरे देशों की तरह चीन भी इस वायरस का पीड़ित है. चीन इसका पीड़ित है न कि अपराधी. हम वायरस को फैलाने का काम थोड़े ही कर रहे हैं.’
बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हजार के पार पहुंच गई है जबकि इस जानलेवा वायरस से अब तक 7 लाख 64 हजार लोग संक्रमित हुए हैं. यह संख्या दुनिया में सबसे अधिक है. डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के अन्य नेता कोरोना वायरस से संबंधित पर्याप्त जानकारी मुहैया न कराने को लेकर चीन के खिलाफ एक्शन लिए जाने का दबाव बना रहे हैं. कोरोना वायरस का सबसे पहले मामला चीन के वुहान में ही सामने आया था.
चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर मरने वालों की संख्या रविवार को 4,632 पहुंच गई. इनमें 50 फीसदी मरने वाले वुहान से हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘महामारी के सामने आने के बाद से चीन इससे निपटने, रोकने के लिए जिम्मेदार तरीके से काम कर रहा है. चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ दुनिया में सबसे मजबूती से काम किया है.’
गेंग शुआंग ने कहा कि वायरस को रोकने के लिए चीन के प्रयासों ने “अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मूल्यवान अनुभव” प्रदान किया है ताकि वे अपने देशों में फैलने से बच सकें.