मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल को दो साधुओं के साथ जो वारदात हुई, वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है. घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें साफ तौर पर भीड़ का उन्माद, दो साधुओं और उनके ड्राइवर की बेबसी दिखाई दे रही है. साथ में तमाशा देखने वाले पुलिसवाले ना कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला है, भीड़ के हाथ में जो आया, उसी से साधुओं पर प्रहार किया जा रहा है. देखते ही देखते भीड़ दोनों साधु और उनके ड्राइवर की पीट पीटकर हत्या कर देते हैं.
जिन साधुओं की हत्या हुई है, उनके बारे में जान लीजिए.
स्वामी कल्पवृक्ष गिरि
उम्र- 70 साल
जूना अखाड़ा
स्वामी सुशील गिरि
उम्र- 40 साल
जूना अखाड़ा
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के बीच दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे. इसी दौरान पालघर के कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव में लोगों ने साधुओं और उनके ड्राइवर को बुरी तरह पीटा. खबर मिलने पर घटनास्थल पर पुलिस पहुंची. साधु और उनके ड्राइवर को पुलिस ने इस गाड़ी में बैठाया लेकिन भीड़ ने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला कर दिया. पुलिस-प्रशासन का दावा है कि पिटाई कर रहे लोगों से अपील की गई लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ. अफवाह की आग में झुलसती भीड़ अपना आपो खो चुकी थी और नतीजा सबके सामने है. भीड़ के बीच से पुलिस वाले जैसे तैसे साधुओं को लेकर अस्पताल की ओर निकले लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी और अब तस्वीरें सामने आई हैं तो हंगामा खड़ा हो चुका है. पालघर से लेकर दिल्ली तक हंगामा मचा है.
पालघर साधु हत्याकांड की टाइमलाइन:
16 अप्रैल 2020
कांदिवली, मुंबई
स्वामी कल्पवृक्ष गिरि, जूना अखाड़ा
स्वामी सुशील गिरि, जूना अखाड़ा
नीलेश तेलगड़े, संतों के ड्राइवर
सूरत के लिए निकले
चारोटी टोल प्लाजा
सिलवासा के लिए निकले
9:30 PM
फॉरेस्ट चेक प्वाइंट, सिलवासा बॉर्डर
गाड़ी रोकी गई
9:45 PM
पहरा दे रहे लोगों का गाड़ी पर हमला
हमलावरों ने साधुओं की गाड़ी पलट दी
10:00 PM
फॉरेस्ट पुलिस ऑफिसर ने कासा पुलिस स्टेशन को फ़ोन किया
11:00 PM
पुलिस टीम मौके पर पहुंची
पलटी गाड़ी से साधुओं को निकाला
11:30 PM
साधुओं पर भीड़ का दोबारा हमला
दोनों साधुओं और ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या
02:00 AM
आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर हमला
पालघर में खाकी पर भरोसे की हत्या?
भीड़ लाठी से साधु की पिटाई करती रही और और मौके पर पुलिसवाले तमाशबीन बने रहे. साधुओं की लिंचिंग में अब पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
सवाल नंबर 1: पालघर में संतों की हत्या की ‘साजिश’ किसने रची ?
सवाल नंबर 2: पुलिस ने संतों को भीड़ से क्यों नहीं बचाया ?
सवाल नंबर 3: संतों को बचाने के लिए हवाई फायर क्यों नहीं ?
सवाल नंबर 4: हत्या के वक्त मौके पर कितने पुलिसकर्मी थे ?
सवाल नंबर 5: लॉकडाउन में 500 लोगों की भीड़ कैसे जमा हुई ?
पुलिस और महाराष्ट्र सरकार का पक्ष:
पुलिस के मुताबिक हत्या के 110 आरोपी पकड़े गए हैं. सरकार का पक्ष है कि संतों की हत्या की उच्चस्तरीय जांच हो रही है. पुलिस ने कहा है कि मामले में हिरासत में लिए गए 9 नाबालिग सुधार गृह भेजे गए हैं. सरकार की अपील है कि संतों की हत्या को सांप्रदायिक रूप ना दें. मामले में 2 पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं सरकार कह रही है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
लिंचिंग पर केंद्र सरकार भी एक्शन में:
गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से घटना पर रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है. अमित शाह ने साधुओं की हत्या पर पूरी जानकारी ली है. महाराष्ट्र सरकार से दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है.