नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोरोना वायरस फैल रहा है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच SIT लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है. जब से दिल्ली में लॉकडाउन हुआ है उसके बाद से अब तक करीब 50 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस के अधिकारी आरोपियों को अपनी जान पर खेलकर पकड़ रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान आरोपी की लोकेशन बिल्कुल सटीक मिल रही है. ऐसे में आरोपी को पकड़ना आसान तो है लेकिन ऐसे में कोरोना वायरस का डर भी है.
कोरोना वायरस से बचने के लिए एसआईटी को पीपीई किट तो मुहैया कराई है लेकिन किट इतनी नहीं हैं कि सबको मिल सके. एक टीम में सिर्फ दो ही किट मिली हैं. जब किसी आरोपी के बारे में इनपुट मिलता है तो टीम के दो शख्स पीपीई किट पहनकर जाते हैं और आरोपी को गिरफ्तार करते हैं.
लेकिन ऐसे रेड करना क्राइम ब्रांच एसआईटी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है और जिस आरोपी को पुलिस पकड़ने जा रही है उस शख्स को कोरोना है या नहीं इस बात की जांच क्राइम ब्रांच खुद कैसे कर सकती है. लेकिन एसआईटी ऐसे में अपनी जान दांव पर लगाकर आरोपियों को पकड़ रही है.
दिल्ली दंगों की जांच क्राइम ब्रांच की कई टीमें कर रही हैं. 50 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. सन लाइट क्राइम ब्रांच करीब 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमे तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किए गए आरोपी भी शामिल हैं. नंदनगरी क्राइम ब्रांच की टीम ने करीब 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. कोतवाली क्राइम ब्रांच की टीम ने करीब 6 लोगों को दबोचा है.
उसी के साथ रोहिणी, द्वारका और आरकेपुरम क्राइम ब्रांच ने भी आरोपियों को पकड़ा है. एसआईटी टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपियों को पकड़ रही है. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सब बंद कमरों में हैं तो पुलिस क्राइम ब्रांच को जैसे ही सटीक लोकेशन मिलती है तो वह आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है. लॉकडाउन के दौरान आरोपी भाग भी नहीं सकता है, क्योंकि चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है.