नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से जारी लॉकडाउन की अवधि भले ही बढ़ने जा रही हो, लेकिन अर्थव्यवस्था को गति देने का काम शुरू होने जा रहा है। सभी मंत्रालयों को ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए नए सिरे से योजना बनाने के लिए कहा गया है। शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद सभी केंद्रीय मंत्रियों को सोमवार से मंत्रालय का कामकाज फिर से शुरू करने के लिए कहा गया।
संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए दफ्तर आने के निर्देश
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालयों के खुलने के बावजूद बाहरी लोगों का प्रवेश मंत्रालय और सरकारी विभागों में वर्जित होगा। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से या पूरी तरह से खोलने पर बिल्कुल नए माहौल में आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ करना होगा और इसकी तैयारी पहले से रहनी चाहिए। इसके मद्देनजर ही सभी मंत्रियों को मंत्रालय में लौटने का निर्देश दिया गया है ताकि वे अपने अपने महकमे का प्लान इस चुनौती के समय प्रभावी तरीके से शुरू कर सकें।
सबसे बड़ी चुनौती असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना
मंत्रालय इस वरीयता को भी तय करेंगे कि कौन से काम को पहले किया जाना चाहिए या और कौन सा बाद में। लॉकडाउन के बाद सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना है। आर्थिक उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से शुरू कर इन लोगों की रोजी-रोटी के इंतजाम के साथ रोजाना हो रहे हजारों करोड़ों रुपए के नुकसान को भी कम करने की योजना है।
कोविड19 वायरस की चेन को तोड़ने के लिए पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है जिसकी अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है। इस दौरान सभी मंत्री एवं मंत्रालय के अधिकारी घर से काम कर रहे हैं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में हैं। स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारी लॉकडाउन में भी बाहर निकल कर काम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि को अगले दो सप्ताह के लिए बढ़ाए जाने की संभावना है। कई राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में इस अवधि के विस्तार की घोषणा भी कर चुके हैं।